Aatmanirbharta in defence: रक्षा क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भरता की तरफ तेजी से कदम बढ़ रहा है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और रक्षा उत्पादों के आयात को कम करने के लिए रक्षा उत्पादन विभाग ने 346 वस्तुओं की पांचवीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची (PIL) जारी की है। इस सूची में रणनीतिक रूप से अहम लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट, सिस्टम, सब-सिस्टम, असेंबली, सब-असेंबली और रक्षा उत्पादों के लिए कच्चा माल शामिल है। इसके बाद सरकारी रक्षा कंपनियां इन उत्पादों का आयात नहीं कर सकेंगी।
भारतीय रक्षा उद्योग को होगा बड़ा फायदा
रक्षा मंत्रालय ने साल 2020 में सृजन डिफेंस पोर्टल (https://srijandefence.gov.in) लॉन्च किया था। इस पोर्टल पर रक्षा उत्पादन विभाग और सेवा मुख्यालय, एमएसएमई कंपनियों और विभिन्न स्टार्ट-अप सहित उद्योगों को स्वदेशीकरण के लिए रक्षा वस्तुएं प्रदान करते हैं। स्वदेशीकरण की जो नई सूची तैयार की गई है, उनकी एक समयसीमा के बाद भारतीय उद्योगों से खरीद की जाएंगी। इससे आयात के 1,048 करोड़ रुपये बचेंगे।
इसके साथ ही इससे अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी और रक्षा क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी। इसके अलावा इस कदम से अकादमिक और अनुसंधान संस्थानों की भागीदारी के चलते घरेलू रक्षा उद्योग की डिजाइन क्षमता भी बढ़ेगी।
भारतीय कंपनियों द्वारा तैयार किए जाएंगे रक्षा उत्पाद
जिन वस्तुओं की सूची जारी की गई है, उन्हें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, बीईएमएल लिमिटेड, इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, गोवा शिपयार्ड लिमिटेड, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड, हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा तैयार किया जाएगा।
7 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के ऑर्डर
इससे पहले, सरकार के रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा तैयार की गई ये पांच सूचियां सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) द्वारा अधिसूचित 509 वस्तुओं की पांच सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों के अतिरिक्त हैं। इन सूचियों में अत्यधिक जटिल प्रणालियां, सेंसर, हथियार और गोला-बारूद शामिल हैं। जून 2024 तक, डीपीएसयू और एसएचक्यू द्वारा स्वदेशीकरण के लिए रक्षा उद्योग को 36,000 से अधिक रक्षा वस्तुओं की पेशकश की गई थी। उनमें से, पिछले तीन वर्षों में 12,300 से अधिक वस्तुओं का स्वदेशीकरण किया गया है। इसके चलते घरेलू रक्षा कंपनियों को 7,572 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले हैं।