Acharya Shri Vidyasagar Ji Maharaj: दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का शनिवार रात 2.35 बजे छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरि तीर्थ में निधन हो गया। पूर्ण जागरूकता की अवस्था में उन्होंने आचार्य का पद त्याग दिया और 3 दिनों तक उपवास और पूर्ण मौन रखा, जिसके बाद उन्होंने अपना जीवन त्याग दिया। उनके निधन की खबर मिलते ही डोंगरगढ़ में जैन समाज के लोग जुटने लगे। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर 1 बजे किया जाएगा।
आचार्य समय सागर को सौंपा दायित्व
इससे पहले मंगलवार 6 फरवरी की दोपहर में उन्होंने मुनियों को अलग से भेजकर निर्यापक श्रमण मुनिश्री योग सागरजी से चर्चा करने के बाद संघ संबंधी कार्यों से संन्यास ले लिया और उसी दिन उन्होंने आचार्य पद से भी इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सबसे पहले ऋषि शिष्य निरियापक श्रमण मुनि श्री समयसागर जी महाराज को आचार्य पद के योग्य समझा और उसके बाद ही उन्हें आचार्य पद पर नियुक्त करने की घोषणा की। हालांकि, इसकी आधिकारिक जानकारी कल दी जाएगी।
पीएम मोदी, शिवराज सिंह चौहान, दिग्विजय सिंह ने दी श्रद्धांजलि
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा… pic.twitter.com/mvJJPbiiwM
— Narendra Modi (@narendramodi) February 18, 2024
संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की रात्रि 2:35 बजे चंद्रागिरी तीर्थ डोंगरगढ़ में समाधि हो गई है। वे ईश्वर रूपी संत थे। शिक्षा व हाथ करघा पर बना कपड़ा पहनने का उनका संदेश हमें #महात्मा_गांधी का संदेश याद दिलाता है।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) February 18, 2024
संदेश -
डोला दोपहर 1 बजे चंद्रगिरी में निकलेगा।*…
राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का समाधिपूर्वक निधन का समाचार सम्पूर्ण जगत को स्तब्ध और निशब्द करने वाला है। मेरे जीवन में आचार्य श्री का गहरा प्रभाव रहा, उनके जीवन का अधिकतर समय मध्यप्रदेश की भूमि में गुजरा और उनका मुझे भरपूर आशीर्वाद मिला
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 18, 2024
आचार्य श्री के सामने आते… pic.twitter.com/HUB71hEh7E
कर्नाटक में जन्मे थे आचार्य विद्यासागर
आचार्य विद्यासागर महाराज का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को शरद पूर्णिमा के दिन कर्नाटक के बेलगाम जिले के सदलगा गांव में हुआ था। विद्यासागर महाराज को 22 नवंबर 1972 को नसीराबाद, अजमेर, राजस्थान में आचार्य श्री ज्ञानसागर महाराज द्वारा आचार्य के रूप में दीक्षा दी गई थी।
दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज देश के एकमात्र ऐसे आचार्य थे, जिन्होंने अब तक 505 मुनियों, आर्यिकाओं, ऐलकों, क्षुल्लकों को दीक्षा दी है। हालांकि बीते चारों से उन्होंने किसी को दीक्षा नहीं दी थी। अंतिम दीक्षांत समारोह 28 नवंबर 2018 को उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में आयोजित किया गया था। जिसमें 10 को मुनि दीक्षा दी गई।
पिछले साल पीएम मोदी ने लिया था आशीर्वाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले साल 5 नवंबर को डोंगरगढ़ पहुंचे थे। इसी दौरान चंद्रगिरि पर्वत पर उनकी मुलाकात आचार्य विद्यासागर जी महाराज से हुई। प्रधानमंत्री ने उनका आशीर्वाद लिया और उनसे चर्चा की। bसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मैं आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी का आशीर्वाद पाकर धन्य महसूस कर रहा हूं।