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आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने शनिवार रात छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में संलेखना पूर्वक समाधि ली। आचार्य विद्यासागर जी महाराज गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत देश के कई नेताओं ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं।

Acharya Vidyasagar:  आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने शनिवार रात छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में संलेखना पूर्वक समाधि ली। उनके ब्रह्मलीन होने की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत देश के कई नेताओं ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आज मध्यप्रदेश में सरकार के सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द करने के आदेश दिए हैं। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में आधे दिन का‌ राजकीय शोक घोषित कर दिया गया है। आचार्य श्री विद्यासागर जैन संप्रदाय के शीर्ष संत थे। उन्होंने गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने पर हमेशा बल दिया।

PM मोदी ने (X) पर लिखा, 'आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वे हमेशा लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास के लिए सदैव स्मरण किए जाएंगे। उन्होंने जीवनभर गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य किया। मेरा सौभाग्य है कि मुझे हमेशा आचार्य जी का आशीर्वाद मिलता रहा।

पिछले साल छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे हुई मुलाकात मुझे हमेशा याद रहेगी। तब आचार्य जी से मुझे भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था। समाज के लिए उनका योगदान देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।'

गृहमंत्री अमित शाह ने (X) पर लिखा, महान संत परमपूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जैसे महापुरुष का ब्रह्मलीन होना, देश और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। आचार्य जी अपनी अंतिम सांस तक सिर्फ मानवता के कल्याण को प्राथमिकता दी। मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं कि महाराज जी का आशीर्वाद मिलता रहा।
 
आचार्य विद्यासागर जी महाराज का जाना मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। वे हर व्यक्ति के कल्याण के अपने संकल्प के प्रति निःस्वार्थ भाव से संकल्पित रहे। विद्यासागर जी महाराज ने एक आचार्य, योगी, चिंतक, दार्शनिक और समाजसेवी सहित सभी भूमिकाओं में समाज का मार्गदर्शन किया। वे बाहर से सहज, सरल और सौम्य थे, लेकिन अंतर्मन से वज्र के समान कठोर साधक थे। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य व गरीबों के कल्याण के कार्यों से यह दिखाया कि कैसे मानवता की सेवा और सांस्कृतिक जागरण के कार्य एक साथ किये जा सकते हैं। आचार्य विद्यासागर जी महाराज का जीवन ध्रुवतारे के समान आने वाली पीढ़ियों का पथ प्रदर्शित करता रहेगा। मैं उनके सभी अनुयायियों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया में लिखा, 'विश्व वंदनीय, राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में समाधि का समाचार प्राप्त हुआ। छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से भरने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश व समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक याद किया जाएगा। आध्यात्मिक चेतना के पुंज आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन।'

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'जैन पंथ के पूज्य संत, आध्यात्मिक गुरु, आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत एवं संपूर्ण समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। कोटि-कोटि नमन!'

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के ब्रह्मलीन होने पर (X) पर शोक संवेदनाएं व्यक्त की है। उन्होंने लिखा, 'संत शिरोमणि आचार्य भगवंत गुरुदेव प्रवर श्री 108 विद्यासागर महामुनिराज जी की समाधि का समाचार अत्यंत दुःखद व पीड़ादायक है। पूज्य आचार्य भगवंत जी ज्ञान, संयम, तप, आराधना और करुणा की प्रतिमूर्ति थे। पूज्य आचार्य भगवंत जी के श्रीचरणों में कोटि - कोटि नमन।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शोक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए लिखा कि मध्यप्रदेश में आधे दिन का राजकीय शोक रहेगा। उन्होंने (X) पर लिखा, 'संत आचार्य गुरुवर श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के समाधिस्थ होने से शोक व्याप्त है। आज मध्यप्रदेश में सरकार के सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द किए जा रहे हैं, साथ ही आधे दिन का‌ राजकीय शोक रहेगा। परमपूज्य गुरुवर की शिक्षाएं हमेशा मानवता के कल्याण और जीवों की सेवा के लिए प्रेरित करती रहेंगी। पूज्य संत श्री की पवित्र जीवन यात्रा को शत-शत नमन!

आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज देश के इकलौते ऐसे आचार्य थे, जिन्होंने 505 मुनियों, ऐलकों, आर्यिकाओं, क्षुल्लकों को दीक्षा दी। अंतिम दीक्षांत समारोह 28 नवंबर 2018 को उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में आयोजित किया गया था।

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