Afghan Diplomat Zakia Wardak Resigned: भारत में अफगानिस्तान की कांसुलेट जनरल जाकिया वारडाक ने शनिवार अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जाकिया वारडाक को 25 अप्रैल को सोने की तस्करी में शामिल होने के आरोप में पकड़ा गया था। जैसे ही यह जानकारी शनिवार को सार्वजनिक हुई, वारडाक ने इस्तीफा दे दिया। वारडाक वारडाक मुंबई स्थित अफगानिस्तान वाणिज्यिक दूतावास में सेवाएं दे रही थी। वारडाक भारत में अफगानिस्तान की पहली महिला डिप्लोमैट थीं। जाकिया की नियुक्ति अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के कार्यकाल में की गई थी।
18 करोड़ रुपए के सोने की तस्करी में शामिल थी वारडाक
जाकिया वारडाक कथित तौर पर 25 अप्रैल को मुंबई एयरपोर्ट पर अपने कपड़ों में सोना छुपाकर तस्करी करने की कोशिश कर रही थी। मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंचते ही राजस्वा खुफिया निदेशालय (DRI) ने पकड़ लिया था। जाकिया वारडाक के पास से करीब 18 करोड़ रुपए कीमत का सोना बरामद किया गया था। हालांकि, रंगे हाथों तस्करी करते पकड़े जाने के बाद भी जाकिया को गिरफ्तार नहीं किया जा सका। बता दें कस्टम्स एक्ट 1962 के तहत किसी भी विदेश डिप्लोमैट को अरेस्ट नहीं किया जा सकता। अब भारतीय एजेंसियां अफगानिस्तान सरकार से जाकिया के खिलाफ एक्शन लेने का अनुरोध करेगी।
डिप्लोमैटिक पासपोर्ट का किया गलत इस्तेमाल
दरअसल डिप्लोमैटिक पासपोर्ट होल्डर्स को कई प्रकार की सहूलियतें दी जाती है। एयरपोर्ट पर ऐसे पासपोर्ट होल्डर्स को अति विशिष्ट लोगों के लिए इस्तेमाल होने वाले ग्रीन चैनल का इस्तेमाल करने की इजाजत होती है। जाकिया वारडाक ने इसी बात का फायदा उठाने की कोशिश की। हालांकि, डीआरआई के अफसरों को पहले ही जाकिया की ओर से तस्करी को अंजाम देने की कोशिश करने की पूरी जानकारी पहले ही मिल गई थी। पुख्ता जानकारी के आधार पर मुंबई एयरपोर्ट पर वारडाक के पहुंचते ही डीआरआई की महिला अफसर ने उसकी तलाशी ली। इस दौरान पता चला कि वारडाक ने कपड़ों में सोने के बार छुपा रखे थे।
जाकिया ने अपने इस्तीफे को लेकर क्या कहा?
जाकिया ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी। वारडाक ने हिंदी, अंग्रेजी और पश्तो भाषा में अपने इस्तीफे को पोस्ट किया। इसमें वारडाक ने कहा कि बीते कुछ समय से उस पर व्यक्ति हमले किए जा रहे थे। वारडाक ने कहा कि कई बार मेरा मानहानि करने की कोशिश की गई। सिर्फ मुझे ही नहीं, बल्कि मेरे परिवार के सदस्यों और संबंधियों काे भी निशाना बनाया गया। इन सभी कारणों से मुझे अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। इसलिए अब अपने पद से इस्तीफा देने का कठित फैसला लिया है।
पहले से ऐसे आरोपों के लिए तैयार थी: वारडाक
जाकिया ने अपने इस्तीफे में कहा है कि उस पर जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं, उससे मुझे हैरानी नहीं हैं। मैं सार्वजनिक जीवन में होने के कारण इस प्रकार के निजी हमलों के लिए पहले से ही तैयार थी। अपने देश की सेवा करना और सकारात्मक बदलाव लाना मेरा जुनून है। कहा कि वह अपना काम कर रही थीं, लेकिन भारत में अफगानिस्तान की एकमात्र महिला प्रतिनिधि होने के नाते उन्हें अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा था। अंत में अपने कार्यकाल के दौरान भारत सरकार की ओर से मिली मदद के लिए धन्यवाद भी दिया है।