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Prasad Controversy:आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट चर्बी वाले तेल के प्रयोग के आरोप के बाद अब सिद्धिविनायक मंदिर में लड्डुओं की शुद्धता पर सवाल उठे हैं। इसका सैंपल चेक कराने की मांग होने लगी है।

Prasad Controversy : आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में चर्बीयुक्त घी से लड्डू बनाने के विवाद का असर देश के अलग-अलग मंदिरों के प्रसाद पर पड़ने लगा है। मुंबई के सिद्धी विनायक मंदिर में लड्डुओं की शुद्धता को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। इसके सैंपल की जांच कराने की मांग होने लगी है। वहीं कृष्ण नगरी मथुरा के बांके बिहारी मंदिर के प्रसाद को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। 

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर संतों और भक्तों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। संतों ने मथुरा जिले में भी प्रसाद की जांच किए जाने की मांग की है। संतों के आक्रोश केा देखते हुए मथुरा खाद्य विभाग की टीम सक्रिय हो गई। सोमवार को खाद्य विभाग की टीम ने मथुरा और वृंदावन के कई मंदिरों के आस-पास प्रसाद बेचने वाली दुकानों पर छापेमारी की और सैंपल भी कलेक्ट किए। जांच टीम के पहुंचने से प्रसाद विक्रेताओं में खलबली मच गई है। इस दौरान कई दुकानदार अपनी दुकानें छोड़कर भाग भी गए।

प्रसाद के पैकेट में दिखे चूहे के बच्चे 
मुंबई के श्री सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें महाप्रसाद लड्डू के पैकेट कुतरे हुए और उसके अंदर चूहे के बच्चे दिखाई दे रहे हैं। ये वीडियो सिद्धिविनायक मंदिर का बताया जा रहा है, हालांकि मंदिर प्रशासन ने इस वीडियो पर सवाल उठाये हैं और कहा कि ये यहां का नहीं है। इसके बावजूद हम इसकी जांच कराएंगे।

बांके बिहारी मंदिर में प्रसाद की शुद्धता पर उठे सवाल
वहीं, बांके बिहारी मंदिर के गोस्वामी आशीष ने बताया कि यहां प्रसाद की शुद्धता बनी रहे, इसलिए प्रसाद बनाते समय गुणवत्ता की जांच की जाती है। बता दें कि मथुरा में पेड़े का भोग लगता है, यहां का पेड़ा काफी प्रसिद्ध है। श्रद्धालु भोग प्रसाद के रूप में पेड़े को अपने साथ भी ले जाते हैं।

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