शरद पवार VS अजित पवार: भतीजे अजित को मिला NCP का सिंबल, चुनाव आयोग ने शरद गुट से नई पार्टी के लिए 3 नाम मांगे

Ajit Pawar gets Nationalist Congress Party
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Ajit Pawar gets Nationalist Congress Party
Nationalist Congress Party Dispute Solved: शरद पवार के भजीते अजित पवार ने राकांपा से बगावत कर भाजपा के साथ चले गए और महाराष्ट्र के उपमुख्य मंत्री बने। इसके बाद से शरद और अजित गुट में पार्टी के नाम और चिह्न को लेकर विवाद था।

Nationalist Congress Party Dispute Solved: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रतिनिधित्व को लेकर शरद पवार को बड़ा झटका लगा है। मंगलवार को चुनाव आयोग ने एनसीपी में असली-नकली को लेकर चल रही अटकलों पर फैसला देकर विराम लगा दिया। दरअसल, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की बगावत के बाद एनसीपी दो धड़ों में बंट गई थी। एक शरद गुट और दूसरा अजित गुट। दोनों गुट पार्टी के नाम और चिह्न (घड़ी) पर अपना दावा पेश कर रहे थे। चुनाव आयोग ने 6 महीने में पार्टी के हक को लेकर चल रही लड़ाई सुलझाई है।

इलेक्शन कमीशन ने 10 सुनवाई के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का नाम और सिंबल अजित गुट को देने का फैसला सुनाया। आयोग ने माना है कि अजित पवार गुट ही असली एनसीपी है। फैसले को लेकर डिप्टी सीएम अजित पवार ने खुशी जताई। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने हमारे वकील की दलीलों को सुनने के बाद फैसला दिया है। हम इसका सम्मान करते हैं।

EC ने शरद गुट से नई पार्टी के लिए 3 नाम मांगे
अब चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को नए राजनीतिक संगठन के लिए नए नाम का दावा करने और 3 प्राथमिकताएं देने का वन टाइम ऑप्शन दिया है। आयोग इस मामले पर 7 फरवरी को दोपहर 3 बजे विचार करेगा। बता दें कि शरद पवार के भजीते अजित राकांपा से बगावत कर भाजपा के साथ चले गए और महाराष्ट्र के उपमुख्य मंत्री बने। इसके बाद से शरद और अजित गुट में पार्टी के नाम और चिह्न को लेकर विवाद था।

क्यों शरद पवार हारे, अजित गुट को मिली एनसीपी?
चुनाव आयोग ने विधायी बहुमत परीक्षण (टेस्ट ऑफ लेजिस्लेटिव मेजॉरिटी) को पर खासतौर पर गौर किया। जिससे एनसीपी के आंतरिक संगठनात्मक चुनाव का मुद्दा सुलझाने में मदद मिली। महाराष्ट्र में राज्यसभा की 6 सीटों के चुनाव की समयसीमा को देखते हुए शरद पवार गुट को चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 39AA का पालन करने के लिए विशेष रियायत दी गई है, जो राजनीतिक दलों के अधिकृत एजेंट्स के वेरिफिकेशन की अनुमति देता है। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को आंतरिक चुनावों और निर्वाचित सदस्यों के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करने की सलाह दी है।

यह लोकतंत्र की हत्या, EC दबाव में: अनिल देशमुख
महाराष्ट्र एनसीपी के नेता अनिल देशमुख ने आयोग के फैसले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि आज ईसी ने शरद पवार की पार्टी का नाम और चिह्न अजित पवार को दे दिया। इसी प्रकार का फैसला शिवसेना के मामले में भी दिया गया है। एनसीपी की नींव शरद पवार ने रखी थी। वह सालों तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। चुनाव आयोग ने दबाव में आकर फैसला दिया है, जो लोकतंत्र की हत्या है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

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