Akhilesh yadav CBI Summon: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ सीबीआई ने बड़ा एक्शन लिया है। अवैध खनन मामले में अखिलेश यादव को समन जारी किया गया है। सपा प्रमुख को इस मामले में बतौर गवाह तलब किया गया है। सीबीआई के सूत्रों के हवाले से आई खबरों के मुताबिक इस मामले में अखिलेश यादव से गुरुवार को पूछताछ हो सकती है।
नियमों को ताक पर रहते हुए दी गई खनन की इजाजत
अखिलेश यादव के पास साल 2012 से 2013 के बीच खनन विभाग का प्रभार था। इस दौरान राज्य के कौशाम्बी, शामली, देवरिया, फतेहपुर, सहारानपुर, सिद्धार्थनगर और हमीरपुर में अवैध खनन के मामले सामने आए हैं। ऐसा आरोप लगाया जा रहा है कि साल 2012 से 2016 के बीच सरकारी अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए खनन साइट्स को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया। साथ ही नियमों को ताक पर रखते हुए कुछ लोगों को खनन की इजाजत भी दी गई।इस अवधि के दौरान अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।
अवैध खनन से राजकोष को हुआ भारी नुकसान
अखिलेश यादव को सीबीआई की ओर से यह समन सीआरपीसी की धारा 160 के तहत जारी किया गया है। मामले में आरोप है कि सरकारी अफसरों ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर छोटे खनिज तत्वों के अवैध खनन को मंजूरी दी। रेत खनन के लिए अवैध ढंग से नए पट्टे जारी किए गए। साथ ही पहले से मौजूद पट्टाधारकों के लिए खनन की अवधि बढ़ा दी। अफसरों ने अपने निजी फायदे के लिए ऐसा किया, जिससे राजकोष को भारी नुकसान हुआ।
पांच साल पहले इस मामले में 12 जगहाें पर पड़े थे छापे
सीबीआई की ओर से दर्ज किए गए मामले में यह आरोप भी लगाया गया है कि कुछ लेगों को अवैध ढंग से माइनर मिनरल्स के खनन की इजाजत दी गई। यह लोग खनिज पदार्थों की चोरी के साथ ही इस काम में पहले से लगे लोगों से जबरन वसूली में भी लिप्त थे। खनिज पदार्थों काे ढ़ाेने वाली गाड़ियों के ड्राइवर से भी जबरन वसूली की गई। इस मामले में 5 जनवरी 2019 को उत्तर प्रदेश के हमीरपुर, जालौन, नोएडा, कानपुर और लखनऊ के साथ ही दिल्ली समेत 12 जगहों पर छापेमारी की गई थी। छापे के दौरान रेत के अवैध खनन से जुड़े दस्तावेज, भारी मात्रा में नकदी और साेना बरामद हुआ था।