ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने CAA का किया स्वागत: मौलाना शहाबुद्दीन बोले- देर से आए दुरुस्त आए, मुस्लिमों से कहा- निकाल दें डर

Citizenship Amendment Act: ​​​​​​​लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले सोमवार शाम को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को देश में लागू कर दिया। इस विधेयक को 2019 में संसद द्वारा पास किया गया था।

Updated On 2024-03-12 09:49:00 IST
All India Muslim Jamaat President Maulana Shahabuddin Razvi Bareilvi

Citizenship Amendment Act: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी नागरिकता संशोधन अधिनियम का स्वागत किया है। उन्होंने लोगों के बीच इस कानून को लेकर समाए डर को दूर करने की कोशिश की है। मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि इससे मुस्लिम समुदाय की नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। 

कानून का मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि भारत सरकार ने सीएए कानून लागू कर दिया है। मैं इस कानून का स्वागत करता हूं। यह पहले ही हो जाना चाहिए था, लेकिन देर आए दुरुस्त आए। इस कानून को लेकर मुसलमानों में बहुत सारी गलतफहमियां हैं। इस कानून का मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है। पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर-मुसलमानों को नागरिकता प्रदान करने के लिए कोई कानून नहीं था, जिन्हें धर्म के आधार पर अत्याचार का सामना करना पड़ा था। 

उन्होंने कहा कि करोड़ों भारतीय मुस्लिम इस कानून से बिल्कुल भी प्रभावित नहीं होंगे। यह कानून किसी भी मुस्लिम की नागरिकता नहीं छीनने वाला है। पिछले वर्षों में देखा गया है कि विरोध प्रदर्शन हुए थे, ऐसा गलतफहमियों की वजह से हुआ था। कुछ राजनीतिक लोगों ने मुसलमानों के बीच गलतफहमियां पैदा कीं। भारत के हर मुसलमान को सीएए का स्वागत करना चाहिए। 

फरवरी में गृह मंत्री शाह ने दिए थे संकेत
फरवरी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ शब्दों में कहा था कि सीएए नागरिकता देने के लिए लाया गया है, किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं। शाह ने कहा कि हमारे देश में अल्पसंख्यकों और विशेष रूप से हमारे मुस्लिम समुदाय को उकसाया जा रहा है। सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीन सकता, क्योंकि अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है। सीएए बांग्लादेश और पाकिस्तान में सताए गए शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने वाला एक अधिनियम है।

इन तीन देशों के लोगों को मिलेगी नागरिकता
लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले सोमवार शाम को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को देश में लागू कर दिया। इस विधेयक को 2019 में संसद द्वारा पास किया गया था। जिसमें कहा गया था कि सीएए का उद्देश्य सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है। जिनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं- जो 31 दिसंबर 2014 से पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत आए थे। नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। फिलहाल सीएए को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। 

Similar News