All Party Meeting on Bangladesh Turmoil: पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद भारत सरकार ढाका के घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रही है। मंगलवार को दिल्ली में दूसरी अहम बैठक हुई। संसद भवन में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, जिसमें विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अलग-अलग दलों के नेताओं को बांग्लादेश की स्थिति और राजनीतिक संकट पर चर्चा की। बैठक में राहुल गांधी ने पाकिस्तान या कोई विदेशी कनेक्शन मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने बांग्लादेश के सेना प्रमुख से कहा है कि वे देश में मौजूद 10 हजार भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। अब विदेश मंत्री दोपहर 2.30 बजे संसद में जानकारी देंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम अपने आवास पर सुरक्षा समिति (CCS) की मीटिंग की। इस बैठक में बांग्लादेश की स्थिति पर गहन चर्चा की गई थी।
राज्यसभा में विदेश मंत्री जयशंकर का बयान
बांग्लादेश में जुलाई से हिंसा जारी है। पब्लिक बिल्डिंग को निशाना बनाया जा रहा है। पुलिस पर हमले किए जा रहे हैं। हिंसा के दौरान अल्पसंख्यक हिंदुओं और मंदिरों पर हमले हुए हैं। छात्र आंदोलन का सिंगल एजेंडा था कि प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा दें। देश में बिगड़ती स्थिति को देखते हुए उन्होंने शॉर्ट नोटिस पर सत्ता छोड़ने का फैसला ले लिया। उन्होंने भारत आने की अनुमति मांगी थी। हम डिप्लोमैटिक चैनल्स के जरिए वहां मौजूद भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं। 24 घंटे से हम ढाका में मौजूद अफसरों के संपर्क में हैं। बीएसएफ को अलर्ट मोड पर रहने को कहा है। भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
#WATCH | Delhi: All-party meeting underway in the Parliament on the issue of Bangladesh. EAM Dr S Jaishankar briefs the members of different political parties. pic.twitter.com/4Cl1rFRkyG
— ANI (@ANI) August 6, 2024
बांग्लादेश के घटनाक्रम पर भारत सरकार की नजर
- जयशंकर ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि बांग्लादेश में स्थिति नाजुक है। लेकिन वहां रहने वाले 12 से 13 हजार भारतीयों को अभी निकालने की स्थिति नहीं है। सरकार भारतीयों की सुरक्षा स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है। विदेश मंत्री जयशंकर ने इस मामले के अहम पहलुओं को कैबिनेट समिति के सामने रखा।
- नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सरकार से पूछा कि बांग्लादेश में जो कुछ हुआ, क्या इसमें किसी विदेशी ताकत का हाथ है? नई अंतरिम सरकार बनेगी तो उनके साथ भारत का क्या रुख रहेगा? ढाका में सत्ता परिवर्तन के राजनयिक प्रभावों से निपटने के लिए सरकार की अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीति क्या ह?
- विदेश मंत्री ने जवाब दिया कि यह एक विकासशील स्थिति है और केंद्र सरकार इसकी बारीकी से विश्लेषण कर रही है ताकि वह अपने अगले कदम को दुरुस्त कर सके। विदेशी ताकतों वाले सवाल पर कहा कि सरकार इस एंगल से भी जांच कर रही है। सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के एक राजनयिक हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच बांग्लादेश की स्थिति को दर्शाने के लिए अपनी सोशल मीडिया DP लगातार चेंज कर रहे थे। केंद्र ने कहा कि वह इस बात की जांच कर रहा है कि क्या यह किसी बड़ी बात की ओर इशारा करता है।
- बता दें कि, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों और हिंसा के चलते प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर भारत पहुंच गईं। हिंडन एयरबेस पर एनएसए अजित डोभाल ने उनसे मुलाकात की।
सुरक्षा समिति की बैठक में मौजूद रहे कई मंत्री
प्रधानमंत्री मोदी के साथ सीसीएस मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं। विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कैबिनेट कमेटी को बांग्लादेश के हालात को लेकर पूरी जानकारी दी। इसके अलावा, लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी विदेश मंत्री जयशंकर से बात की।
भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाई अलर्ट जारी
सरकार ने बांग्लादेश के साथ लगी पूर्वोत्तर राज्यों की (Indo-Bangladesh border) सीमा पर अलर्ट जारी किया। बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए BSF ने 4096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर सतर्कता बढ़ाई है। सेना की सभी इकाइयों के लिए ‘हाई अलर्ट’ (BSF High alert) जारी किया है। BSF के कार्यवाहक महानिदेशक (DG) दलजीत सिंह चौधरी और अन्य वरिष्ठ कमांडरों ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता पहुंचकर सुरक्षा का जायजा लिया बीएसपी DG ने उत्तर 24 परगना जिले और सुंदरबन क्षेत्र में सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की। सीमा पर तैनात सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं। असम और मेघालय में भी भारत-बांग्लादेश सीमा पर BSF ने चौकसी बढ़ाई है।