Amit Shah Reminds Congress Of Jawaharlal Nehru blunders: केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर को कई दशकों से सामना कर रही सुरक्षा चुनौतियों के लिए पूर्व प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (POK) अस्तित्व में नहीं आता अगर पूर्व प्रधान मंत्री ने दो भूल नहीं की होती। गृह मंत्री शाह लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर बोल रहे थे। उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरु की चिट्ठी भी संसद में पढ़ी। इस मौके पर कांग्रेस ने हंगामा किया। 

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सदन में खड़ा हूं और जिम्मेदारी से कहता हूं
अमित शाह ने कहा कि मैं सदन में खड़ा हूं और जिम्मेदारी से कहता हूं कि पीएम जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान दो भूलों के कारण कश्मीर को कई वर्षों तक नुकसान उठाना पड़ा। सबसे बड़ी गलती यह थी कि जब हमारी सेना जीत रही थी, तो संघर्ष विराम की घोषणा की गई और पीओके अस्तित्व में आया। अगर संघर्ष विराम में तीन दिन की देरी होती तो पीओके भारत का हिस्सा होता। 

कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए भी कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार
गृह मंत्री ने कहा कि दूसरी गलती कश्मीर मुद्दे में संयुक्त राष्ट्र को शामिल करना थी। उन्होंने कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए भी कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने दावा किया कि अगर वोट बैंक की राजनीति नहीं होती तो घटना को टाला जा सकता था।

दोनों बिल लोकसभा से पास
लोकसभा ने आज जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पारित कर दिया, जिसमें कश्मीरी प्रवासी समुदाय के दो सदस्यों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से विस्थापित व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सदस्य को विधान सभा में नामित करने का प्रावधान है। दूसरा बिल भी पास हो गया। शाह ने कहा कि दोनों विधेयकों का उद्देश्य उन लोगों को न्याय देना है जो पिछले 70 वर्षों से अधिकारों से वंचित थे।

गिरिराज सिंह ने शाह का किया समर्थन
बाद में बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने अमित शाह का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने सही कहा है कि जवाहरलाल नेहरू के कारण हमने पीओके खो दिया। उन्होंने (सेनाओं को) वापस बुलाया और कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले गए।

जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधान मंत्री थे। वह महात्मा गांधी के सबसे करीबी सहयोगी और स्वतंत्रता संग्राम के नेता थे।