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Amit Shah vs Akhilesh Yadav: लोकसभा में गुरुवार, 8 अगस्त को वक्फ अधिनियम संशोधन विधेयक पर चर्चा चल रही थी। तभी अखिलेश यादव ने स्पीकर ओम बिरला को लेकर बड़ा दावा कर दिया, जिस पर अमित शाह खड़े हो गए और जवाब देने लगे।

Amit Shah vs Akhilesh Yadav: संसद के मानसून सत्र के दौरान गुरुवार (8 अगस्त) को वक्फ अधिनियम संशोधन विधेयक पर चर्चा हुई। इस दौरान संसद में दिलचस्प बहस देखने को मिली। गुरुवार को संसद में चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसे लेकर आमने-सामने हो गए। अखिलेश ने संसद में दावा किया कि लोकसभा अध्यक्ष के अधिकार खतरे में हैं, इस पर अमित शाह ने त्वरित पलटवार किया। 

वक्फ अधिनियम संशोधन विधेयक पर अपना विरोध जताते हुए अखिलेश यादव ने कहा, अध्यक्ष महोदय, मैंने लॉबी में सुना है कि आपके कुछ अधिकार भी छीने जा रहे हैं। यानी अब हमें आपके लिए लड़ना होगा। 

अखिलेश यादव के आरोपों का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा, लोकसभा अध्यक्ष के अधिकार केवल विपक्ष के लिए नहीं है। यह पूरी लोकसभा के लिए हैं। अमित शाह ने सरकार और अध्यक्ष की भूमिका का बचाव किया। कहा, अध्यक्ष की शक्तियां पूरे संसद के कामकाज के लिए अभिन्न अंग हैं, न कि केवल विशेष राजनीतिक गुट के लिए। 

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी इस पर हस्तक्षेप किया और दोनों नेताओं से संयम बरतने का आह्वान किया। कहा, सदस्यों से मैं अपेक्षा करता हूं कि आसन और लोकसभा की कार्यवाही पर टिप्पणी न करें। मुझे लगता है कि अनुभवी सदस्य इस बात का ख्याल रखेंगे और आसन पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करेंगे।

वक्फ अधिनियम संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एनडीए सरकार पर हमला बोला। उन्होंने सरकार पर वक्फ बोर्ड की जमीन बेचने के बहाने संशोधनों को छिपाने का आरोप लगाया है। अखिलेश ने कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा में जनता की जगह जमीन रख दी जानी चाहिए।

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