Caste Census: लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस में जाति जनगणना को लेकर कलह शुरू हो गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्ररी आनंद शर्मा ने गुरुवार को राहुल गांधी से इतर बातें कही हैं। उन्होंने जताया है कि जिस तरह राहुल गांधी बार-बार जाति जनगणना की बात कर रहे हैं वह ठीक नहीं है। आनंद शर्मा का कहना है कि राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना पर जोर देना पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की विरासत का अनादर करने जैसा है। इससे जनता के बीच गलत मैसेज जाएगा।
आनंद शर्मा ने पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्ठी लिखी है। आनंद शर्मा जी-23 समूह के एक प्रमुख सदस्य हैं। उन्होंने 2019 के चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव का आह्वान किया था। अब उन्होंने कहा कि जाति जनगणना बेरोजगारी और व्याप्त असमानतओं के लिए रामबाण या समाधान नहीं हो सकती है।
आनंद ने इंदिरा और राजीव गांधी के स्लोगन को दोहराया
आनंद शर्मा ने अपनी बात को तार्किक बनाने के लिए पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के 1980 के स्लोगन का हवाला दिया। जिसमें इंदिरा गांधी ने कहा था कि 'ना जात पर ना पात पर, मोहर लगेगी हाथ पर' का हवाला दिया। उन्होंने जातिवाद पर राजी गांधी की टिप्पणी का भी हवाला दिया। बताया कि राजीवजी कहते थे कि हमें समस्या है, अगर संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव में जातिवाद को मुद्दा बनाया गया तो हमें समस्या होगी। कांग्रेस इस देश का बंटवारा होते नहीं देख सकती है।
राहुल गांधी और खड़गे ने कई मौकों पर उठाया जाति जनगणना का मुद्दा
दरअसल, कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव से पहले जाति जनगणना को एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया है। पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि सभी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक स्थिति का आकलन करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी जनगणना आयोजित किया जाएगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी अपनी रैलियों और सभाओं में जाति जनगणना का मुद्दा कई बार उठाया है। उन्होंने कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में सत्ता में आने पर देश में जाति जनगणना कराई जाएगी।