Anna Hazare Over Arvind Kejriwal Arrest: कथित शराब घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चौतरफा मुश्किलों में घिरते जा रहे हैं। इस बीच सोशल एक्टिविस्ट और केजरीवाल के गुरू अन्ना हजारे ने बड़ा बयान दिया है। अन्ना हजारे ने कहा कि शराब के विरोध में आवाज उठाने वाले अरविंद केजरीवाल ने शराब नीति बनाई। वह अपने कर्मों की वजह से गिरफ्तार हुआ। दुख है। उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी, मैंने दो बार उन्हें चिट्ठी लिखी थी। AAP ने अन्ना के बयान पर पलटवार किया। विधायक दिलीप पांडे ने कहा- यह दुर्भाग्यपूर्ण है, हम सब उनका सम्मान करते हैं। जब अजीत पवार जैसे लोग बीजेपी के साथ जाकर मंत्री बन गए तब वह (अन्ना हजारे) एक शब्द नहीं कहते।
मैंने लिखी थी दो बार चिट्ठी
अन्ना हजारे ने कहा कि केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बनने के बाद नई शराब नीति बनाई। जब मैंने उन्हें दो बार चिट्ठी लिखी थी। मुझे दुख होता है कि उन्होंने मेरी बात नहीं मानी और अब वो इसमें गिरफ्तार हो गए। अन्ना हजारे ने कहा कि जब केजरीवाल और मनीष सिसोदिया मेरे साथ आए तो मैंने कहा था कि हमेशा देश की भलाई के लिए काम करना है। लेकिन इस बात पर ध्यान नहीं दिया।
अपनी गलतियों से गिरफ्तार हुए केजरीवाल
अन्ना हजारे ने कहा कि बहुत दुख होता है। अरविंद केजरीवाल जैसा आदमी जो मेरे साथ काम करता था। हम लोगों के साथ शराब के खिलाफ आवाज उठाता था। अब वह शराब नीति बना रहा है। इसलिए दुख हुआ। लेकिन करेगा क्या? सत्ता के सामने कुछ नहीं कर सकता है। आखिर उसे अरेस्ट किया गया। वह उनके त्रुटि से हुआ है। हम यह बातें नहीं करते तो अरेस्ट होने का सवाल नहीं उठता। अब जो होगा वो कानून के हिसाब से होगा।
शाजिया इल्मी ने भी जताया दुख
भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने कहा कि मैं आम आदमी पार्टी की फाउंडर मेंबर रही। मुझे आज का दिन देखकर बहुत दुख है। कौन सोच सकता है कि वो व्यक्ति जिसने अन्ना हजारे आंदोलन में इतनी बड़ी भूमिका निभाई, वो आज तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद शराब घोटाले के लिए इतने संगीन आरोपों के लिए पकड़े जाएंगे।
कुमार विश्वास ने लिखा- जो जस करहि सो तस फल चाखा
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के वक्त गुरुवार शाम कवि कुमार विश्वास ने राम चरित मानस की चौपाई के जरिए उन पर निशाना साधा। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जस करहि सो तस फल चाखा। मतलब- यह संसार कर्म प्रधान है। जो व्यक्ति जैसा करता है उसे वैसा ही फल मिलता है।
कुमार विश्वास अरविंद केजरीवाल के साथ अन्ना हजारे आंदोलन में थे। बाद में जब पार्टी का गठन हुआ तो भी साथ थे। हालांकि बाद में मतभेदों के कारण दूर हो गए। अक्सर वे सार्वजनिक कार्यक्रमों में बिना नाम लिए अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष करते नजर आते हैं।