Kejriwal Bail: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार कियाथा। इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मामले में भी उन्हें जमानत मिल चुकी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई मामले में भी जमानत दे दी है। यह फैसला केजरीवाल के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है। दिल्ली शराब घोटाला (Delhi Liquor Scam) मामले में अब उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।
जानें, कौन-कौन सी शर्तें लगीं केजरीवाल पर
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देते समय कुछ सख्त शर्तें रखी हैं। केजरीवाल को ED के मामले में मिली जमानत की शर्तें सीबीआई मामले में भी लागू होंगी। जमानत के बावजूद, केजरीवाल न तो कोई सरकारी फाइल साइन कर सकेंगे और न ही सीएम ऑफिस जा सकेंगे। इसके अलावा, उन्हें इस मामले पर कोई सार्वजनिक बयान या टिप्पणी करने की भी अनुमति नहीं होगी।
10 लाख रुपए के दो मुचलके भरने होंगे
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की जमानत की शर्तों (Bail Conditions) के मुताबिक, केजरीवाल किसी गवाह से भी संपर्क नहीं कर सकेंगे। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर ट्रायल के दौरान उन्हें बुलाया जाता है, तो उन्हें पूरी तरह से सहयोग करना होगा। (Court Trial) की प्रक्रिया में भी भाग लेना होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने केजरीवाल को 10 लाख रुपए के दो मुचलके भरने का भी निर्देश दिया गया है।
21 मार्च को हुई थी गिरफ्तारी
अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से वह तिहाड़ जेल में बंद थे। सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनावों के कारण उन्हें कुछ समय के लिए ज़मानत दी थी। जून 2 को उन्होंने फिर से सरेंडर किया। इस मामले की जांच दोनों एजेंसियां, ED और CBI, कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को ED के मामले में जमानत दी थी और अब सीबीआई के मामले में भी जमानत मिल गई है।
केजरीवाल कब आएंगे जेल से बाहर?
सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी अरविंद केजरीवाल को जेल से बाहर आने के लिए कुछ प्रक्रियाओं का इंतजार करना होगा। जमानत की प्रक्रिया (Bail Process) के तहत सुप्रीम कोर्ट का लिखित आदेश दिल्ली के राउस एवेन्यू कोर्ट में भेजा जाएगा। इसके बाद वहां से जमानत बॉन्ड भरना होगा। राउस एवेन्यू कोर्ट द्वारा जारी रिहाई आदेश तिहाड़ प्रशासन को भेजा जाएगा, जिसके बाद ही केजरीवाल जेल से बाहर आ सकेंगे।
दिल्ली शराब घोटाले का पूरा मामला
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू की थी। इस पॉलिसी के तहत दिल्ली में शराब की दुकानें निजी हाथों में दी गईं। सरकार का दावा था कि इससे (Government Revenue) बढ़ेगा और माफिया का राज खत्म होगा। लेकिन इस पॉलिसी पर विवाद बढ़ता गया और 28 जुलाई 2022 को इसे रद्द कर दिया गया। दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट में इस घोटाले का खुलासा हुआ। इसके बाद एलजी ने CBI जांच की सिफारिश की और फिर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच शुरू की।