Arvind Kejriwal Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईडी कस्टडी को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 4 दिन और बढ़ा दी है। इससे पहले कोर्ट में 39 मिनट सुनवाई चली। केजरीवाल ने खुद अपने केस की पैरवी की। वे ऐसा करने वाले देश के पहले मुख्यमंत्री हैं। केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी कोर्ट पहुंची थीं। ईडी ने अदालत से सात दिन की रिमांड मांगी थी।
ईडी ने कहा कि एक मोबाइल फोन (सुनीता केजरीवाल) में डेटा निकाला गया है और उसका विश्लेषण किया जा रहा है। हालांकि, 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल के आवास की तलाशी के दौरान जब्त किए गए अन्य 4 डिजिटल उपकरणों का डेटा अभी तक नहीं निकाला जा सका है। क्योंकि केजरीवाल ने अपने वकीलों से बातचीत करने के बाद पासवर्ड/लॉगिन क्रेडेंशियल देने के लिए समय मांगा है।
इसलिए चाहिए थी ईडी को रिमांड
एजेंसी को केजरीवाल की रिमांड क्यों चाहिए, इसका कारण भी बताया था। ईडी ने कहा कि गोवा के आप नेताओं के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। हमें उन लोगों से अरविंद केजरीवाल का सामना करना है। पूछताछ भी करनी है। इसलिए हिरासत की और जरूरत है। दरअसल, आप गोवा अध्यक्ष अमोल पालेकर, रामाराव वाघा और दो अन्य को तलब किया गया है।
सुनवाई पूरी होने के बाद दिल्ली सीएम के वकील रमेश गुप्ता बाहर आए। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अदालत के सामने स्वीकार किया कि वह हिरासत में रहने के लिए तैयार हैं और वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे।
ईडी का आरोप- सहयोग नहीं कर रहे केजरीवाल
ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने अब तक पासवर्ड का खुलासा नहीं किया है। उनका कहना है कि वह अपने वकीलों से बात करेंगे और फिर तय करेंगे कि पासवर्ड दिया जाए या नहीं। ईडी ने कहा कि यदि वह ऐसा नहीं करता है, तो हमें पासवर्ड तोड़ने होंगे। ईडी की तरफ से एएसजी एसवी राजू पेश हुए। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के बयान दर्ज किए गए हैं। लेकिन उन्होंने गोलमोल जवाब दिए। वह जानबूझकर हमारे साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं।
सीएम बोले- मुझे किसी अदालत ने दोषी नहीं माना
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी गुरुवार को कोर्ट में बोलने का मौका दिया गया। उन्होंने ईडी पर आम आदमी पार्टी को कुचलने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह मामला दो साल से चल रहा है। सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को एफआईआर दर्ज की। इसके बाद ईडी ने 22 अगस्त 2022 को ईसीआईआर दर्ज की। मुझे गिरफ्तार किया गया, लेकिन अभी तक किसी भी अदालत ने मुझे दोषी साबित नहीं किया है। इस पर जज ने कहा कि आप लिखित में बयान क्यों नहीं देते हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस मामले से संबंधित सीबीआई ने 31,000 पेज और ईडी ने 25,000 पेज दाखिल किए हैं। अगर आप इन्हें एक साथ पढ़ेंगे तो भी मैं पूछना चाहूंगा कि मुझे क्यों गिरफ्तार किया गया? मेरा नाम केवल चार लोगों के चार बयानों में सामने आया। उन चार में से एक सी अरविंद था, अरविंद केजरीवाल नहीं। सी. अरविंद पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सचिव थे। उन्होंने अधिकारियों को बताया है कि मनीष सिसोदिया ने कुछ दस्तावेज सौंपे थे। उन्होंने कहा कि कई नौकरशाह और विधायक नियमित रूप से उनके आवास पर आते थे। क्या इस तरह का बयान एक मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए काफी है?
केजरीवाल ने एमएसआर का पढ़ा बयान
केजरीवाल ने कोर्ट में एमएसआर (मंगुटा रेड्डी) का बयान पढ़ा। उन्होंने कहा कि वह साढ़े 4 बजे मुझसे मिलने आए थे। वह दिल्ली में अपना धर्मार्थ संगठन खोलना चाहते थे। जमीन मांगी थी। मैं उन्हें एलजी को प्रस्ताव भेजने की बात कही थी। एमएसआर पिता और पुत्र ने ईडी के सामने 6 बयान दिए, लेकिन ईडी ने केवल 7वें बयान का इस्तेमाल किया। शरथ रेड्डी ने 9 बयान दिए, लेकिन किसी में भी मेरा नहीं था।
चुनावी बॉन्ड का किया जिक्र, ईडी ने किया विरोध
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनावी बांड के मुद्दे पर बयान दिया और कहा कि बीजेपी को पैसा मिल रहा है। उन्होंने ईडी द्वारा एक स्मोक स्क्रीन बनाई गई है कि आप एक भ्रष्ट पार्टी है। मनी ट्रेल स्थापित हो गया है कि सरथ चंद्र रेड्डी की जमानत मिलने के तुरंत बाद भाजपा को 55 करोड़ रुपए दिए। हम रिमांड का सामना करने को तैयार हैं। हम रिमांड का विरोध नहीं कर रहे हैं। हमारे पास बॉन्ड की कॉपी हैं।
ईडी ने अरविंद केजरीवाल के बयान का विरोध किया। अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के पीछे राजनीतिक साजिश का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मामले में लोगों को सरकारी गवाह बनाया जा रहा है और उन्हें अपने बयान बदलने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
ईडी बोली- कोई सीएम कानून से ऊपर नहीं
ईडी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की व्यक्तिगत संलिप्तता के अलावा AAP संयोजक होने के नाते पैसे का इस्तेमाल AAP गोवा अभियान में किया गया था और इस संबंध में कई बयान हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से कहा कि एक सीएम कानून से ऊपर नहीं है।
यह राजनीतिक साजिश, जनता देगी जवाब
अरविंद केजरीवाल को पिछले हफ्ते 21 मार्च को ईडी ने दिल्ली शराब नीति मामले से जुड़े कथित मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। सुनवाई शुरू होने से पहले उनसे पूछा गया कि एलजी ने कहा था कि सरकार जेल से नहीं चलेगी। जवाब में सीएम ने कहा कि यह एक राजनीतिक साजिश है और लोग इसका जवाब देंगे।
सुनीता बोलीं- केजरीवाल बीमार हैं, मगर डरने वाले नहीं
सुनीता केजरीवाल ने बुधवार को कहा था कि ईडी ने उनके घर पर छापा मारा। महज 73 हजार रुपए बरामद हुए थे तो कथित शराब घोटाले का पैसा कहां है? उन्होंने कहा कि दिल्ली सीएम अपने दावों को लेकर सबूत भी पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल बीमार हैं। उनकी सेहत गिर रही है। लेकिन वह डरने वाले नहीं है। केजरीवाल एक खुलासा करेंगे। केजरीवाल को दिल्ली वालों की चिंता है।
अब जानिए केस से जुड़े अहम अपडेट्स
- दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी नेता की याचिका खारिज कर दी। साथ ही जांच एजेंसी को अपना पक्ष रखने के लिए 2 अप्रैल तक का समय दिया है।
- ईडी का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के सरगना हैं। उनकी देखरेख में शराब नीति का निर्माण हुआ। यह पूरा घोटाला 600 करोड़ रुपए का है। साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपए रिश्वत ली गई। रिश्वत के पैसों का इस्तेमाल गोवा और पंजाब विधानसभा चुनाव में किया गया। हालांकि अरविंद केजरीवाल ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
- अरविंद केजरीवाल ने ईडी कस्टडी से दो आदेश जारी किए हैं। पहला आदेश वाटर डिपार्टमेंट तो दूसरा आदेश स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा था। आप इस बात पर जोर दे रही है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
- बीजेपी नेता दिल्ली भर में विरोध प्रदर्शन कर अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
- अमेरिका और जर्मनी ने भी केजरीवाल की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया दी है। भारत से निष्पक्ष, पारदर्शी जांच करने का आग्रह किया है।
- शराब घोटाले में पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सांसद संजय सिंह पहले से जेल में हैं।
मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की मांग खारिज
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया। एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनप्रीत सिंह अरोड़ा की बेंच ने कहा कि यह राजनीतिक मामला है। न्यायिक हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है। यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता सुरजीत सिंह यादव की तरफ से दाखिल की गई थी। यहां पढ़िए पूरी खबर