Arvind Kejriwal Liquor Policy Case: अरविंद केजरीवाल को एक दिन में डबल झटका लगा है। एक्साइज पॉलिसी केस में दिल्ली हाईकोर्ट से अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज होने के एक दिन बाद बुधवार, 10 अप्रैल को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया। अदालत में छुट्टियां हो रही हैं। इसलिए अब केजरीवाल की याचिका पर सोमवार यानी 15 अप्रैल को ही सुनवाई होने की उम्मीद है। वहीं, राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने वकीलों से हफ्ते में 5 दिन मुलाकात की दरख्वास्त की थी।
वकील सिंघवी पहुंचे थे सुप्रीम कोर्ट
वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के सामने केजरीवाल की उस याचिका का जिक्र किया जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद एक्साइज पॉलिसी केस में उनकी रिमांड को चुनौती दी गई है।
सिंघवी ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि गिरफ्तारी एक अविश्वसनीय दस्तावेज पर आधारित है और हमसे छिपाई गई है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने सिंघवी को एक ईमेल भेजने को कहा और इस पर गौर करेंगे।
वकीलों से हफ्ते में 2 दिन मिल पाएंगे
अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से 24 घंटे में दूसरा झटका लगा है। केजरीवाल ने दिल्ली की राउज एवेन्यू से हफ्ते में वकीलों से 5 बार मुलाकात करने की मांग की थी। एडवोकेट विवेक जैन ने तर्क दिया था कि केजरीवाल के खिलाफ 35-40 मामले चल रहे हैं। किसी व्यक्ति को समझने और निर्देश देने के लिए हफ्ते में एक घंटा काफी नहीं है। ये सबसे बुनियादी अधिकार है। लेकिन कोर्ट ने उनकी मांग को ठुकरा दिया। फिलहाल केजरीवाल अपने वकीलों से हफ्ते में केवल दो बार मुलाकात कर पाएंगे।
हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी और रिमांड को जायज ठहराया
दिल्ली हाईकोर्ट ने 9 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल की याचिका को खारिज कर दिया था। केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 21 मार्च को की गई गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने एक्साइज पॉलिसी में केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड को सही ठहराया। अदालत ने यह भी कहा कि ईडी ने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया है। उसके पास हवाला ऑपरेटर्स और AAP कैंडिडेट के बयान हैं। जांच एजेंसी ने हमारे सामने पर्याप्त सबूत पेश किए हैं।
अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि एक जांच एजेंसी के लिए एक आम आदमी और एक मुख्यमंत्री से पूछताछ के लिए कोई अलग प्रोटोकॉल नहीं है।
सौरभ भारद्वाज बोले- सुप्रीम कोर्ट से मिलेगा न्याय
हाईकोर्ट के फैसले से AAP नेता सहमत नहीं हैं। दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ईडी और सीबीआई को दिल्ली शराब नीति मामले में अपनी तलाशी के दौरान एक रुपया भी नहीं मिला। गवाहों पर अपने बयान बदलने और वही कहने के लिए दबाव डाला गया है जो ईडी उनसे कहलवाना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग का नहीं है। यह देश के इतिहास की सबसे बड़ी राजनीतिक साजिश है।
भारद्वाज ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट ने इसी आधार पर आप सांसद संजय सिंह को राहत देने से इनकार कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अरविंद केजरीवाल को भी सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा।
पहले भी सुप्रीम कोर्ट गए थे केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने गिरफ्तार होने के एक दिन बाद यानी 22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन बाद में इस मामले को ट्रायल कोर्ट में उठाने की अपनी याचिका वापस ले ली थी। यह वही दिन था जिस दिन सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने शराब नीति मामले में आरोपी भारत राष्ट्र समिति नेता के कविता को राहत देने से इनकार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने तब कहा था कि वह प्रोटोकॉल को दरकिनार नहीं कर सकती और कविता को ट्रायल कोर्ट से संपर्क करने के लिए कहा था।
18 दिन और अदालती झटके के बाद केजरीवाल राहत के लिए एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में वापस आये हैं।
क्या है एक्साइज पॉलिसी घोटाला?
आरोप है कि दिल्ली सरकार ने शराब नीति, 2021 में पेश की। अगले साल वापस ले ली। जिसमें शराब लाइसेंसधारियों को लाभ दिया गया। उपराज्यपाल वीके सक्सेना की सिफारिश के बाद सीबीआई ने अनियमितताओं के आरोपों की जांच शुरू की। ईडी इस मामले में मनी ट्रेल की जांच कर रही है। इस मामले में केजरीवाल के अलावा पूर्व उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ आप नेता मनीष सिसौदिया भी जेल में हैं। इसी मामले में गिरफ्तार किये गये आप सांसद संजय सिंह जमानत पर बाहर हैं।