Arvind Kejriwal will campaign in Maharashtra and Jharkhand: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों में INDIA गठबंधन के तहत सहयोगी दलों के लिए प्रचार करने का फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल खासतौर से महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के लिए, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी शामिल हैं, प्रचार करेंगे। 

क्या केजरीवाल कांग्रेस के लिए प्रचार नहीं करेंगे?

वोटर्स के मन में एक सवाल यह भी उठता है कि क्या केजरीवाल कांग्रेस के लिए प्रचार नहीं करेंगे? क्योंकि महाराष्ट्र और झारखंड में विपक्षी दल INDIA गठबंधन के तहत ही चुनाव लड़ रही है। इसमें कांग्रेस अहम भूमिका निभा रही है। झारखंड में भी केजरीवाल झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के लिए अपनी आवाज उठाएंगे। हालांकि, कांग्रेस के लिए उनका प्रचार करने का निर्णय अभी स्पष्ट नहीं है।

यह स्थिति इस बात का संकेत हो सकती है कि केजरीवाल ने कांग्रेस से दूरी बनाने का मन बना लिया है, खासकर हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद, जहां दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा और दोनों को निराशाजनक परिणाम मिले। 

केजरीवाल कांग्रेस के साथ दूरी बना रहे हैं या नजदीकी?

आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल की रणनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। यह सवाल उठता है कि क्या वे कांग्रेस के साथ दूरी बना रहे हैं या नजदीकी? इसका एक कारण यह हो सकता है कि लोकसभा चुनाव में इंडी गठबंधन के प्रदर्शन से केजरीवाल और उनकी पार्टी ने यह महसूस किया है कि कांग्रेस के साथ सहयोग से ज्यादा लाभ नहीं मिल रहा है। केजरीवाल का महाविकास अघाड़ी के साथ प्रचार करना, विशेषकर शिवसेना और एनसीपी के लिए, यह संकेत करता है कि वे क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहते हैं। 

झारखंड में भी उनका झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ जुड़ाव इस रणनीति का एक हिस्सा हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या केजरीवाल आगे जाकर कांग्रेस के साथ किसी प्रकार का गठबंधन बनाते हैं या पूरी तरह से अलग राह अपनाते हैं। इस स्थिति पर राजनीतिक विश्लेषक और आम आदमी पार्टी के समर्थक भी ध्यान दे रहे होंगे।

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में किसकी कितनी साझेदारी

महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर चुनाव 20 नवंबर को एक ही चरण में होगी। वहीं, झारखंड में चुनाव दो चरणों में होंगे, जिसमें वोटिंग 13 नवंबर और 20 नवंबर को होगी। दोनों राज्यों में वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी। महाविकास अघाड़ी के बीच कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट), और एनसीपी (शरद पवार) के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला 85-85-85 का तय हुआ है। 

हालांकि, 33 सीटों पर सपा, सीपीएम के साथ निर्दलीय लड़ सकते हैं। शिवसेना (शिंदे गुट) 65 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है। भाजपा महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए 99 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है, जिसमें 75 मौजूदा विधायकों को फिर से मौका दिया गया है। वहीं, एनसीपी (अजित पवार गुट) 38 उम्मीदवारों की घोषणा की है।