Assam Ponzi Scam: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने असम के पोंजी घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने 18 आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग मामलों में पांच नई चार्जशीट दाखिल की हैं। इनमें 16 व्यक्ति और 2 संस्थान शामिल हैं। यह कार्रवाई सीबीआई की गुवाहाटी इकाई द्वारा की गई, जबकि इससे पहले दिल्ली इकाई ने इसी घोटाले से संबंधित चार चार्जशीट दाखिल की थीं।

क्या है पोंजी घोटाला?
सीबीआई ने गुवाहाटी की विशेष अदालत में एक चार्जशीट में Upepithets Holdings Pvt. Ltd. और इसके निदेशक हेमेन रवा के खिलाफ आरोप दर्ज किए हैं। रवा पर आरोप है कि उन्होंने आरबीआई और सेबी के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर जनता को हाई रिटर्न का झांसा देकर धन जुटाया और उसे हड़प लिया।

जांच के दौरान यह पता चला कि उन्होंने लोगों के साथ स्टांप पेपर पर लोन एग्रीमेंट कर फर्जी तरीके से 6 प्रतिशत या उससे अधिक की मासिक रिटर्न का वादा किया था।

"गृहलक्ष्मी" योजना में धोखाधड़ी
एक अन्य चार्जशीट में सीबीआई ने ब्रह्मपुत्र संचय और निवेश सहकारी संस्था के चार सदस्यों और एक सहकारी संस्था पर आरोप लगाए हैं। इन पर निवेशकों से 15 प्रतिशत तक सालाना रिटर्न का झूठा वादा कर पैसे जुटाने और हड़पने का आरोप है।

टाइटन कैपिटल और गो मिलियन्स का फर्जीवाड़ा
एक अन्य मामले में, सीबीआई ने Go Millions LLP के निदेशकों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। यह कंपनी असल में कॉस्मेटिक्स और अन्य प्रोडक्ट्स बेचने के नाम पर बनाई गई थी, लेकिन इसके जरिए हाई रिटर्न का झांसा देकर निवेशकों से पैसा वसूला गया। इसके अलावा, Titan Capital Market के नाम पर भी जनता से UPI, कैश और चेक के माध्यम से पैसे जुटाए गए, लेकिन इन पैसों को किसी भी मान्य निवेश योजना में नहीं लगाया गया।

निवेशकों का डेटा जुटाई जा रही है
सीबीआई ने जांच में यह भी खुलासा किया कि इन घोटालों में जुटाई गई रकम को आरोपियों ने अपने पारिवारिक सदस्यों और सहयोगियों के खातों में ट्रांसफर कर दिया। सभी आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। सीबीआई ने कहा कि जांच अभी जारी है और ठगे गए निवेशकों का डेटा इकट्ठा किया जा रहा है, ताकि उन्हें न्याय दिलाया जा सके।