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Bahraich violence: यूपी में बहराइच हिंसा के आरोपियों के घर चलने वाला बुलडोजर नहीं चल सकेगा। यूपी हाईकोर्ट ने बुल्डोजर एक्शन पर 23 अक्तूबर तक के लिए रोक लगा दी है।

Bahraich violence: बहराइच हिंसा के आरोपियों के घर सरकार का बुलडोजर नहीं चल पाएगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 23 अक्टूबर तक बुल्डोजर कार्रवाई पर रोक लगी दी है। शुक्रवार 19 अक्टूबर को आरोपियों के घरों पर नोटिस चस्पा कर दिया गया था। नोटिस में सभी को तीन दिन में घर खाली करने का समय दिया गया था।

इसके बाद पीड़ित परिवार हाईकोर्ट पहुंचे थे। एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट की जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि 23 अक्टूबर तक मामले की जांच की जाएगी। उसके बाद इस मामले में फैसला लिया जाएगा। 

डर में बीता पूरा दिन 
महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में रविवार को दिन भर लोगों को बुलडोजर कार्रवाई का डर सताता रहा। शनिवार को लोग यहां खुद दुकान और मकान तोड़ते दिखे और रविवार को यह सिलसिला जारी रहा। लेकिन कोर्ट से इस मामले में स्टे मिलने के बाद फिलहाल लोग खुश नजर आ रहे हैं। 

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बता दें कि 13 अक्तूबर को दुर्गापूजा के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने यहां पथराव कर दिया था। इसके हिंसा भड़क गई थी, जिसमें रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद से महराजगंज कस्बे में सन्नाटा पसरा है। प्रशासन ने मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद सहित 23 लोगों के घरों पर ध्वस्तीकरण का नोटिस चस्पा किया था, जिसके बाद से कस्बे में हड़कंप की स्थित है। हालांकि बीते दो दिनों में कुछ परिस्थितियां बदली हैं और लोगों की दुकानें खुलने लगी हैं। 


महराजगंज के आसपास के बाजारों में बढ़ी हलचल
महराजगंज की घटना के बाद रमपुरवा, खैरीघाट, राजीचौराहा, भगवानपुर चौराह आदि बाजारों में स्थिति लगभग सामान्य दिखी। रविवार को सभी बजारों में रौनक बढ़ी दिखी। लोगों की भीड़ बजार में उमड़ी और लोगों ने सामान्य दिनों की भांति ही खरीदारी की। साथ ही चाय की टपरियों व होटलों पर भी रौनक रही।

प्रशासन पर पक्षपात का लगा आरोप
पीड़ित परिवारों का आरोप है कि अतिक्रमण की बात कहकर लोक निर्माण विभाग ने कस्बे के 23 घरों पर नोटिस चस्पा किया गया है। इसको लेकर पक्षपात के आरोप लगा रहे हैं। कस्बा निवासी मोहम्मद शकील का आरोप है कि सिर्फ 23 लोगों के घर पर नोटिस चस्पा किया गया है जबकि महाराजगंज कस्बे में ही सौ से अधिक मकान ऐसे बने हुए हैं, जो पीडब्ल्यूडी विभाग के मानक के विरुद्ध हैं। पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता अनुपम कुमार ने बताया कि मुख्य बिंदु से 60 फीट एक तरफ और 60 फीट एक तरफ सड़क क्षेत्र में है। कुल 120 फीट के अंदर के जो भी निर्माण हैं, अवैध हैं।

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