Balasore curfew:ओडिशा के बालासोर में सांप्रदायिक हिंसा के बाद मंगलवार  18 जून को स्थानीय प्रशासन ने कर्फ्यू लागू कर दिया। साथ ही इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। बालासोर में बकरीद के दौरान गोहत्या के आरोपों के बाद दो समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुईं थीं। सोमवार दोपहर को, पत्रापाड़ा इलाके में कुछ लोगों ने नालियों में लाल रंग का पानी देखा। इसके बाद इस बात की अफवाह फैल गई कि यह जानवरों के खून का है। इसके बाद, एक समुदाय ने दूसरे समुदाय पर हमला बोल दिया, जिसके कारण दोनों पक्षों में पथराव हुआ। इस घटना में पांच पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 15 लोग घायल हो गए।

दो समुदायों के बीच हुई पत्थरबाजी
जिला प्रशासन ने तुरंत क्षेत्र में  कर्फ्यू  (सीआरपीसी की धारा 144)  लगा दिया। सोमवार देर रात उस समय स्थिति और भी बिगड़ गई जब एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के घरों पर पत्थर, डंडे और कांच की बोतलों से हमला कर दिया। इस दौरान कई और वाहनों को आग लगा दिया गया। उपद्रवियों ने कई गांवों में घुसकर घरों पर पथराव किया, आगजनी की और सड़कों पर तोड़फोड़ की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी।

पुलिस संवेदनशील इलाकों में मुस्तैद
बालासोर एसपी सागरिका नाथ ने कहा कि हमने बालासोर नगर पालिका क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है। सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील कुछ इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। हमने लोगों से घरों से बाहर न निकलने की अपील की। झड़प के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस लगातार संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च कर रही है। हिंसक गतिविधियों में शामिल उपद्रवियों की तलाश जारी है। 

सीएम माझी ने की कलेक्टर से बात
मुख्यमंत्री मोहन माझी ने जिला कलेक्टर से बात कर स्थिति को काबू में रखने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि शांति और व्यवस्था को भंग नहीं होने दिया जाएगा। बालासोर के सांसद प्रताप सारंगी और सदर विधायक मानस कुमार दत्त ने दोनों समुदायों के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

2017 में भद्रक में भड़की थी हिंसा
ओडिशा के भद्रक शहर में भी अप्रैल 2017 में सांप्रदायिक हिंसा के बाद कर्फ्यू लगाया गया था। उस समय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर रामनवमी के मौके पर अपमानजनक टिप्पणी की गई थी। इसके बाद हिंसा भड़क उठी थी। इसके बाद प्रशासन को कर्फ्यू  लगाना पड़ा था। कई दिनों तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं थी।