Sandeshkhali Violence:संदेशखली जाने की कोशिश कर रहे बीजेपी नेताओं और पुलिस में झड़प, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुकांत मजूमदार घायल
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Sandeshkhali Violence: पश्चिम बंगाल के संदेशखली में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को संदेशखली जाने की कोशिश कर रहे बीजेपी वर्कर्स और पुलिस के बीच झड़प हो गई। पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। इसमें बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सुकांत मजूमदार घायल हो गए। इसमें सुकांत को गंभीर चोटें आईं हैं, जिसके बाद उन्हें ऑक्सीजन मास्क पहनाकर अस्पताल ले जाया गया।
मजुमदार को ले जाया जा रहा कोलकाता
पुलिस एक्शन में चोट लगने के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को बशीरहाट में फर्स्ट एड दिया गया। इसके बाद उन्हें काेलकाता ले जाया गया। संदेशखली को लेकर भाजपा पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार के खिलाफ हमलावर नजर आ रही है। जहां बीजेपी स्टेट यूनिट के नेता लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं, वहीं केंद्रीय नेताओं ने भी इस मामले पर पश्चिम बंगाल की आलोचना की है। दो दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जवाब देने के लिए कहा था।
संदेशखाली जाना चाहते थे मजूमदार
बता दें कि, इससे पहले मजूमदार ने आरोप लगाया था कि बंगाल पुलिस ने उन्हें उत्तर 24 परगना जिले के अशांत संदेशखाली जाने से रोकने के लिए उनके लॉज की घेराबंदी कर दी थी. मजूमदार ने प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए दोपहर के बाद संदेशखाली जाने का ऐलान किया था. एसपी कार्यालय के घेराव के दौरान बशीरहाट में भाजपा समर्थकों की पुलिस से झड़प के एक दिन बाद, बंगाल पुलिस ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को ताकी में गेस्ट हाउस छोड़ने से रोक दिया था. ॉ
संदेशखली में बीते एक हफ्ते माहौल गर्म
संदेशखली पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना में है। यहां पर स्थानीय महिलाओं ने बीते एक हफ्ते पहले से सत्तारूढ़ तृणमूल कांंग्रेस के नेता शाहजहां शेख के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। शाहजहां शेख को ईडी भी तलाश रही है। महिलाओं का आरोप हैं कि शाहजहां शेख ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है। यही वजह है कि भाजपा नेता संदेशखली तक पहुंचने की कोशिश करते हैं। महिलाओं का आरोप है कि उन्हें दिहाड़ी का काम करवाकर उसके पैसे नहीं दिए गए है।
पुलिस पर भी लग रहे हैं आरोप
इसके साथ ही कुछ महिलाओं ने टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर यौन शोषण का भी आरोप लगाया है। महिलाओं का आरोप हैं कि उन्हें देर रात तक रुकने के लिए मजबूर किया जाता था। इसके साथ ही शिवप्रसाद हजारा और उत्तम प्रसाद को भी गिरफ्तार करने की मांग कर रही है। साथ ही महिलाओं ने पुलिस पर भी ज्यादती करने वाले नेताओं पर कोई एक्शन नहीं लेने का आरोप लगाया है। बता दें कि महिलाओं के प्रदर्शन को लेकर संदेशखली में धारा 144 लागू कर दिया गया है। भारी संख्या मेें पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।