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Bengal Doctors Protest: बंगाल के डॉक्टरों ने 41 दिन से जारी हड़ताल खत्म कर दी है, लेकिन OPD सेवाएं फिलहाल रुकी रहेंगी। राज्य सरकार की सुरक्षा आश्वासन मिलने तक सर्जरी भी नहीं होगी।

Bengal Doctors Protest: बंगाल के जूनियर डॉक्टरों ने 41 दिन लंबी हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया है। यह विरोध प्रदर्शन एक ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के बाद शुरू हुआ था। शनिवार से डॉक्टर आवश्यक सेवाएं फिर से शुरू करेंगे, लेकिन OPD और चुनी हुई सर्जरी में शामिल नहीं होंगे। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक राज्य सरकार सुरक्षा के मुद्दे पर आश्वासन नहीं देती, तब तक ये सेवाएं बंद रहेंगी। डॉक्टरों की यह घोषणा राज्य सरकार द्वारा अधिकांश मांगों को मानने के बाद आई है। 

सुरक्षा के मुद्दे पर डॉक्टरों की शर्त
डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि वे केवल आंशिक रूप से काम पर लौट रहे हैं। वे तब तक OPD सेवाओं और चुनी हुई सर्जरी में हिस्सा नहीं लेंगे जब तक राज्य सरकार सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करती। डॉक्टरों की मांग है कि सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इस विरोध के दौरान राज्य सरकार ने ज्यादातर मांगों को स्वीकार किया है, जिसमें अस्पतालों में सुरक्षा के नए उपाय शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने उठाए सुरक्षा के कदम
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों की मांगों पर गंभीरता से विचार किया है। हालांकि, खुद मुख्यमंत्री ने अंतिम बैठक में हिस्सा नहीं लिया, बल्कि मुख्य सचिव ने डॉक्टरों के साथ मुलाकात की। उन्होंने सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें ड्यूटी रूम्स, सीसीटीवी, और महिला सुरक्षा कर्मियों की तैनाती शामिल है। इसके अलावा, अस्पतालों में रात में निगरानी के लिए मोबाइल पुलिस टीमें तैनात की जाएंगी। 

डॉक्टरों का विरोध खत्म नहीं, कानूनी लड़ाई जारी  
डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि यह आंशिक वापसी है और आंदोलन पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सुरक्षा के मुद्दों पर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो वे फिर से कार्यविराम शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा, डॉक्टरों ने इस केस को लेकर कानूनी लड़ाई जारी रखने का भी ऐलान किया है। डॉक्टरों की मांग है कि 31 वर्षीय डॉक्टर की हत्या और बलात्कार के मामले में जल्द से जल्द न्याय मिले।

प्रदर्शन से लेकर पुलिस जांच तक विवाद
31 वर्षीय डॉक्टर की हत्या और बलात्कार के बाद कोलकाता के RG Kar मेडिकल कॉलेज से शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन पूरे देश में फैल गया। इस मामले में मुख्य संदिग्ध कोलकाता पुलिस का एक सिविक वॉलंटियर है। पुलिस जांच में देरी और परिवार की इच्छा के खिलाफ अंतिम संस्कार ने विवाद को और बढ़ा दिया। विरोध प्रदर्शन ने राज्य सरकार को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। 

डॉक्टरों की मांगों को मानने के बाद खत्म हुआ गतिरोध
डॉक्टरों और राज्य सरकार के बीच गतिरोध तब समाप्त हुआ जब डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री से तीन असफल बैठकों के बाद सीधी बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कोलकाता पुलिस प्रमुख समेत कई अधिकारियों को हटा दिया। हालांकि, डॉक्टर अब भी स्वास्थ्य सचिव को हटाने की मांग कर रहे हैं। सरकार के साथ समझौते के बाद भी डॉक्टरों का कहना है कि उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता।

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