Bharat Bandh Farmers Protest: दिल्ली जाने पर अड़े किसानों के प्रदर्शन के चौथे दिन शुक्रवार को हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर फिर आंसू गैस के गोले दागे गए। संयुक्त किसान मोर्चा और मजदूर संघ ने आज यानी शुक्रवार को भारत बंद का आह्वान किया। जिसका मिलाजुटा असर देखने को मिला। पंजाब और हरियाणा में बाजार, दुकानें और मंडियां बंद रही। पंजाब में ट्रांसपोर्ट बंद होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने हरियाणा के सभी टोल दोपहर 12 से 3 बजे तक फ्री कराए। राजधानी दिल्ली में बंद का असर नहीं दिखा। हालांकि, दिल्ली बॉर्डर पर गतिरोध जारी है।
किसान संगठनों के साथ रविवार को अगली बैठक
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि केंद्र सरकार के प्रतिनिधि रविवार को किसान संगठनों के साथ चौथे दौर की वार्ता करेंगे। उम्मीद है कि इस दौरान किसानों की मांगों को लेकर कोई हल निकलेगा और हम आगे बढ़ेंगे। हमें भरोसा है कि किसान शांति पूर्वक प्रदर्शन करेंगे और कोई हिंसा या तोड़फोड़ नहीं करेंगे। दूसरी ओर, किसान नेता राकेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर में कहा कि हमारे विरोध की रणनीति शनिवार को पंचायत में तय होगी।
लाइव अपडेट्स...
- पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर शंभू बैरियर पर धरना दे रहे 70 वर्षीय किसान की शुक्रवार सुबह मौत हो गई। किसान को पटियाला के सरकारी राजिंदरा अस्पताल रेफर किया गया था। किसान को अस्पताल के आपातकालीन विंग में भर्ती कराया गया था। इलाज के शुरुआती 30 मिनट के अंदर ही किसान की अस्पताल में मौत हो गई।
- किसान रोहतक-हिसार राष्ट्रीय राजमार्ग पर मदीना टोल प्लाजा और रोहतक-पानीपत राजमार्ग पर मकरौली टोल प्लाजा की ओर बढ़ने लगे हैं। दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक तीन घंटे के लिए किसानों का टोल प्लाजा पर कब्जा रहेगा।
- दिल्ली में गाजीपुर बॉर्डर पर कई किमी लंबा जाम लगा है। गाड़ियां रेंगते नजर आईं। लोगों को दफ्तर पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ा है।
गुरुवार रात 5 घंटे चली बैठक रही बेनतीजा
गुरुवार शाम किसान नेताओं और केंद्र के मंत्रियों के बीच चंडीगढ़ में हुई तीसरी बैठक भी बेनतीजा रही। यह बैठक रात 8 बजे से डेढ़ बजे तक चली। किसान नेता एमएसपी गारंटी पर अड़े हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने एमएसपी पर कानून बनाने के लिए कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया है। जिसमें किसान और सरकार दोनों के प्रतिनिधि होंगे। अब रविवार को फिर से बैठक होगी। दोनों पक्षों ने शांति बनाए रखने का आश्वासन दिया है। बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल, नित्यानंद राय और पंजाब के सीएम भगवंत मान भी मौजूद रहे।
टकराव नहीं, शांतिपूर्ण समाधान तलाशें
किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के समन्वयक सरवन सिंह पंढेर ने गुरुवार रात बैठक के बाद कहा कि किसान संघ के नेताओं ने कैबिनेट मंत्रियों को बातचीत के प्रति प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया है। इस दौरान सोशल मीडिया अकाउंट्स के निलंबन और आंसू गैस के गोले छोड़ने सहित वर्तमान माहौल पर चिंता जाहिर की। पंढेर ने कहा कि हम पाकिस्तान नहीं हैं। हम शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं, टकराव नहीं। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्रियों ने सोशल मीडिया पेज फिर से शुरू करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने आगे कहा कि मुद्दों का समाधान खोजने के लिए चर्चा की गई।
कब-कब हुई बैठक?
08 फरवरी: पंजाब के सीएम भगवंत मान ने किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के साथ चंडीगढ़ में पहली बैठक की। इस दौरान किसानों के केस वापस लेने, नकली बीजों और स्प्रे बनाने वाली कंपनियों पर कार्रवाई समेत अन्य मांगों पर सहमति बनी। लेकिन एमएसपी पर सहमति न बनने के कारण किसानों ने दिल्ली कूच का फैसला लिया।
12 फरवरी: चंडीगढ़ में दूसरी बैठक करीब पांच घंटे चली। किसानों ने कहा कि हम टकराव नहीं चाहते, लेकिन सरकार के मन में खोट है। जिसके बाद किसानों ने आंदोलन पर कायम रहने की बात कही।
शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे किसान
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र पर दबाव डालने के लिए दिल्ली चलो का आह्वान किया है। पंजाब के किसानों ने मंगलवार को दिल्ली मार्च शुरू किया। लेकिन पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक दिया। प्रदर्शनकारी किसान बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।
भगवंत मान बोले- किसानों ने दिखाए दागे गए गोले
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि किसानों की सभी मांगों पर सकारात्मक माहौल में चर्चा हुई। चूंकि पंजाब का किसान सबसे अधिक प्रभावित है, इसलिए मैं राज्य के प्रमुख के रूप में आगे आया। सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। मैंने तीन जिलों में इंटरनेट निलंबन और परीक्षा दे रहे छात्रों पर इसके प्रभाव का मुद्दा उठाया। किसानों ने उन पर दागे गए गोले दिखाए। हमने कहा कि किसानों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र से हरियाणा सरकार को संयम बरतने के लिए कहने का आश्वासन मिला है।