Roads of Bhopal: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की सड़कें बदहाल हैं। बारिश ने सड़कों की पोल खोल दी है। चलना तो दूर देखकर ही डर लगता है। सड़कों पर चलने वाला हर व्यक्ति पीड़ित है। सड़कों पर गड्ढे नहीं, बल्कि गड्ढों में सड़कें समां गई हैं। PWD की बनाई गई शहर की प्रमुख सड़कों में से 70 फीसदी तो गारंटी पीरियड में ही खराब हो गई। यही हाल नगर निगम की सड़कों के हैं। भोपाल में नगर निगम और PWD की 2593 किमी से ज्यादा लंबी सड़कें हैं। 240 से ज्यादा सड़कें टूटी-फूटी हालत में हैं। कोई 10% तो कोई 80% तक क्षतिग्रस्त। 45 किमी सड़कें तो ऐसी हैं, जिनमें गड्ढे ही गड्ढे नजर आ रहे हैं। 35 किमी से ज्यादा लंबी एप्रोच रोड भी उखड़ चुकी है। जानिए कौन सी सड़क कितनी बदहाल।

नर्मदापुरम रोड: 2.5 लाख लोग गड्ढे से गुजर रहे 
नर्मदापुरम रोड पर रहने वाले 2.5 लाख से ज्यादा लोगों के लिए शहर की तरफ आने के लिए यह एकमात्र रोड है। इन लोगों के लिए ये गड्ढे रोज की मुसीबत हो गए हैं। मिसरोद से रानी कमलापति स्टेशन तक 5000 से ज्यादा गड्ढे हैं। फरवरी 2024 के अंतिम सप्ताह में नर्मदापुरम रोड से बीआरटीएस हटाने का काम शुरू हुआ। मई-जून में कॉरिडोर तोड़ा। इसके बाद सावरकर सेतु से मिसरोद के आगे तक सड़क की नए सिरे से मरम्मत की गई। अब सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हैं। बारिश में पानी भरा रहता है। वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।

एम्स और बरखेड़ा पठानी की सड़क भी बदहाल
इस सड़क की मरम्मत गर्मी में की गई थी। जिसमें गिट्टी की एक लेयर डाली। अफसरों व ठेकेदारों ने महज दो दिनों में काम निपटा दिया। अब सड़क पर बारीक गिट्टियां निकल गई हैं, जिसकी वजह से दुर्घटनाओं का अंदेशा बना हुआ है। निर्माण एजेंसियों के अफसरों और ठेकेदारों ने वल्लभ भवन के आसपास की सड़कों तक को नहीं छोड़ा। पीएफ कार्यालय चौराहे से वल्लभ भवन तक की मुख्य सड़क उखड़ गई। 

जानें नगर निगम की सड़कें कितने फीसदी खराब 
जानकारी के मुताबिक, शहर में नगर निगम की 2000 किमी  से ज्यादा लंबी सड़कें हैं। 225 सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। डीआरएम ऑफिस से सांची पार्लर तक की सड़क 80 फीसदी खराब हो चुकी है। संत हिरदाराम नगर से साधु वासवानी स्कूल रोड 75, बीडीए मल्टी से किलोल पार्क 80, टीला जमालपुरा रोड 75, गिनौरी रोड 60, निर्मला देवी रोड कोलार 50, शंकर दयाल चौराहे से लालघाटी होशंगाबाद रोड 20 फीसदी तक खराब हो चुकी है।

PWD की इन सड़कों की हालत खराब 
भोपाल में पीडब्ल्यूडी की कुल 268 सड़कें 573 किलोमीटर की हैं। 400Km सड़कें परफॉर्मेंस गारंटी में है। 173Km सड़कें साधारण मरम्मत के अंतर्गत आती हैं। बारिश में 14 मार्ग की 22Km की लंबाई में 523 वर्गमीटर में गड्ढे पाए गए हैं। 3 प्रतिशत सड़कों में गड्ढे मिले हैं। रॉयल मार्केट से मॉडल स्कूल की सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। इसके अलावा मंदिर से होटल पैलेस मार्ग,  भोपाल टॉकीज से रेलवे क्रॉसिंग मार्ग, अग्रसेन चौराहा से शाहजहांनाबाद मार्ग, स्टेट बैंक चौराहा से करबला, मनीषा मार्केट से हबीबगंज थाना सुभाष स्कूल, कलियासोत मुख्य नहर से आकृति इको सिटी, जेके अस्पताल तिराहे से दानिश नगर चौराहा और आरआरएल से साकेत नगर तक सड़कों की हालत बदहाल है।

इन जिलों की सड़कें भी बदहाल 
भोपाल के अलावा सतना, पन्ना, रीवा, सिंगरौली, छतरपुर, टीकमगढ़, देवास, भिंड, ग्वालियर, हरदा, नरसिंहपुर समेत कई जिलों की सड़कों की बुरी हालत हो गई है। इन जिलों में सड़कें कहीं धंस गईं तो कहीं से उखड़ रही हैं। गड्ढों में लोग सफर कर रहे हैं। 

सड़कों की बदहाली पर मंत्री भी सख्त

  • सड़कों की बदहाली को देखते हुए लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने सुध ली। मंत्री ने मंत्रालय में आला अफसरों के साथ बैठक की। सड़कों की वस्तुस्थिति को को जानने का प्रयास किया। साथ ही प्राप्त शिकायतों का समय सीमा में निराकरण के निर्देश दिए हैं।
  • पन्ना में बनी सड़क पहली ही बारिश में बह गई। इस मामले में भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कलेक्टर को पत्र लिखा है। वीडी ने पत्र में लिखा है कि निर्माण की उच्च स्तरीय जांच कराकर स्थिति स्पष्ट की जाए कि लापरवाही किस स्तर पर किसके द्वारा की गई।

सड़कें सुधारने मांगे 50 करोड़ 
भोपाल नगर निगम के अफसरों ने बैठक में जानकारी दी कि शहर में कुल 2020 किमी लंबी सड़कें हैं। अभी की स्थिति में कुल 225 सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। सबसे ज्यादा 80% तक डीआरएम ऑफिस और संत हिरदाराम नगर वाली सड़कें खराब हैं। निगम ने सड़कों को सुधारने के लिए 50 करोड़ का प्रस्ताव विभाग को सौंपा। विजयवर्गीय ने कहा कि राजधानी की सड़कों का मरम्मत कार्य प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए।

अनगिनत गड्ढे सरकार के भ्रष्टाचार की खुली गवाही दे रहे 
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सड़कों की दुर्दशा पर मोहन सरकार को घेरा है। उमंग ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा है कि ये मध्य प्रदेश की राजधानी "भोपाल" की सड़कों का हाल है। प्रदेश की सड़कों पर अनगिनत गड्ढे भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की खुली गवाही दे रहे हैं।  मुख्यमंत्री मोहन यादव जी, थोड़ी बारिश क्या हुई, राजधानी भोपाल की मुख्य सड़कें नाले और गड्ढे में तब्दील हो गईं। देखा जाए तो भोपाल की सड़कें हर 3 साल में बनती हैं। फिर भी बारिश आते-आते हिचकोले देर हो जाती हैं।  

सड़कों की बदहाली का जिम्मेदार कौन
उमंग ने आगे लिखा है कि सड़क निधि के लिए 1150 करोड़ और मरम्मत के लिए 730 करोड़ रुपए का बजट तो तैयार हुआ। लेकिन इतने हजार करोड़ रुपए खर्च कहां हुए।  सड़कों के नाम पर नाले बनाने में??? लोक निर्माण विभाग मंत्री राकेश सिंह जी, सड़कों की ऐसी बदहाल स्थिति का जिम्मेदार कौन है?  पूर्व  CM प्रदेश की सड़कों को अमेरिका से भी अच्छी बताते नहीं थकते थे। अब 7 महीने में ऐसा क्या हो गया कि सड़कों ने मुंह फाड़ दिए। 

तत्काल सड़कों की मरम्मत कराई जाए
उमंग ने फिर लिखा है कि राजधानी की सड़कें सुधारने का काम भोपाल नगर निगम का है। PWD का या  नगरीय विकास  एवं आवास मंत्री का। जिसका भी हो उसे इस काम की पहल करना चाहिए। क्योंकि, शहर की व्यवस्था कैसी है इसका पता तो सड़कों की हालत से ही लगता है। भाजपा सरकार की लापरवाही और कांट्रेक्टर के खराब काम का खामियाजा, प्रदेश की बेगुनाह जनता भुगत रही है, इसका जिम्मेदार कौन है? तत्काल सड़कों की मरम्मत कराई जाएं।