Rohith Vemula Case: तेलंगाना के छात्र रोहित वेमुला की मौत का मामला 8 साल बाद फिर सुर्खियों में है। तेलंगाना पुलिस ने केस क्लोजर रिपोर्ट फाइल की और दावा किया कि रोहित दलित नहीं था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, क्लोजर रिपोर्ट 21 मार्च को दाखिल कर दी गई थी। लेकिन सार्वजनिक 3 मई को हुई। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब तेलंगाना में 13 मई को चौथे फेज की वोटिंग है। इस मामले को सियासत शुरू हो गई है। भाजपा ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उनसे देश से माफी मांग की गई है।
राहुल ने आत्महत्या का इस्तेमाल राजनीति के लिए किया
भाजपा नेता अमित मालवीय ने शनिवार, 4 मई को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राजनीतिक लाभ के लिए रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले का राजनीतिकरण किया। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या वायनाड के सांसद हैदराबाद यूनिवर्सिटी में शोध छात्र की मौत के मामले में क्लोजर रिपोर्ट के बाद दलितों से माफी मांगेंगे? भाजपा आईटी सेल प्रमुख ने अपने X हैंडल पर राहुल की एक पुरानी क्लिप पोस्ट की है, जिसमें वह कथित तौर पर लोकसभा में रोहित वेमुला मौत मामले पर बोल रहे थे।
राहुल गांधी की क्लिप में क्या है?
क्लिप में राहुल गांधी छात्र रोहित वेमुला की मौत मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'चुप्पी' पर सवाल उठाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा, 'वायदो का जाल बिछाया मोदी जी ने। मैं ये कर करूंगा, वो करूंगा। फिर उन पर सवाल उठने लगे। पहला सवाल रोहित वेमुला ने पूछा, उठाया। मेरी क्या गलती है। मैं दलित हूं। इसलिए, मुझे क्यों मारा जा रहा है, क्यों कुचला जा रहा है, मुझे क्यों दबाया जा रहा है? यही सवाल उठाया उसने। क्या मेरे लिए हिंदुस्तान में भविष्य नहीं होना चाहि। मेरी मां गरीब है, क्या मेरा भविष्य नहीं होना चाहिए। आप (भाजपा) लोग क्या करते हो। हिंदुस्तान सरकार की शक्ति उसके कंधे पर ऐसे (मेज पर दबाने का इशारा किया) दबा देते हो। आपने दबाया और उस बेचारे (रोहित वेमुला) ने आत्महत्या कर ली। आपके मंत्री कहते हैं कि वह दलित नहीं था। वह दलित था या नहीं। सवाल यह नहीं है। सवाल यह है कि हिंदुस्तान के एक युवा की जिंदगी को ऐसे कैसे खत्म किया गया। नरेंद्र मोदी ने उसकी मां को न फोन किया न एक सवाल उठाया।'
क्या राहुल गांधी दलितों से माफी मांगेंगे?
अमित मालवीय ने कांग्रेस सांसद पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अपनी घृणित राजनीति के लिए रोहित वेमुला की मौत का राजनीतिकरण करने के लिए सदन के पटल का उपयोग किया। अब जब कांग्रेस सरकार के तहत तेलंगाना पुलिस ने एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की है, जिसमें कहा गया है कि वेमुला एससी समुदाय से नहीं था और उसने आत्महत्या कर ली। क्या राहुल गांधी दलितों से माफी मांगेंगे? कांग्रेस और तथाकथित 'धर्मनिरपेक्ष' दलों ने अक्सर दलितों को अपनी राजनीति के लिए इस्तेमाल किया है, लेकिन उन्हें न्याय दिलाने में हमेशा विफल रहे हैं। यह एक और उदाहरण है।
अजय आलोक बोले- चारों ओर एक झूठी कहानी गढ़ी गई
क्लोजर रिपोर्ट पर निशाना साधते हुए भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने वेमुला की मौत को लेकर झूठी कहानी गढ़ी। शनिवार को भाजपा नेता ने कहा कि मुद्दा यह नहीं है कि वह (रोहित वेमुला) दलित था या नहीं। सवाल उन लोगों से उठाया जाना चाहिए जिन्होंने यह दावा करते हुए संसद को चलने नहीं दिया कि भाजपा सरकार दलित विरोधी है। उन्होंने इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया और इसके चारों ओर एक झूठी कहानी गढ़ी।
तेलंगाना पुलिस ने क्या कहा?
तेलंगाना पुलिस ने कहा कि रोहित वेमुला खुद ने को अनुसूचित जाति वर्ग यानी एसटी से बताया था। हालांकि वह एसटी वर्ग से नहीं था। रोहित को पता था कि उनकी मां ने उन्हें अनुसूचित जाति का सर्टिफिकेट दिलवाया था। रोहित ने इसी सर्टिफिकेट के जरएि अकेडमिक उपलब्धियां हासिल की थी। रोहित को डर था कि यदि उसकी सच्चाई बाहर आ गई तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट में भाजपा के पूर्व सिकंदराबाद सांसद और वर्तमान में हरियाणा के गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय, विधान परिषद के सदस्य एन रामचंद्र राव, पूर्व कुलपति अप्पा राव, एबीवीपी नेताओं समेत कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों को निर्दोष बताया गया है। यहां पढ़िए पूरी खबर
क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देगा परिवार
फिलहाल, रोहित के परिवार ने पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को कोर्ट में चुनौती देने का फैसला लिया है। रोहित के भाई राजा बेमुला ने कहा कि जिला कलेक्टर को परिवार के एससी स्टेटस पर निर्णय लेना है। हम इस संबंध में सीएम रेवंत रेड्डी से मुलाकात करेंगे।
तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने जनवरी 2016 में शोध छात्र की मौत के मामले में आगे की जांच करने का फैसला किया है।
पंखे से लटका मिला था रोहित वेमुला
हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्कॉलर वेमुला को 17 जनवरी, 2016 को हॉस्टल के एक कमरे में छत के पंखे से लटका हुआ पाया गया था। वह कथित तौर पर विश्वविद्यालय द्वारा उनके खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई से परेशान थे।