राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत और छह संयुक्त महासचिवों की मौजूदगी में केरल के पलक्कड़ में शनिवार को संघ की तीन-दिवसीय ‘अखिल भारतीय समन्वय बैठक’ संपन्न हुई। बैठक में ‘संघ से प्रेरित’ 32 संगठनों के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने भाग लिया। बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जे पी नड्डा, महासचिव (संगठन) बी. एल. संतोष, विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख आलोक कुमार और भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष हिरण्मय पंड्या शामिल हुए।

बैठक के बाद संघ के मुख्य प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बैछक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई इसके बारे में जानकारी दी। संघ ने जातीय जनगणना को लेकर बड़ा बयान दिया और इसे एक संवेदनशील मुद्दा बताया है। संघ ने कहा, पंच परिवर्तन के तहत इस पर चर्चा की गई है, और संगठन ने निर्णय लिया है कि मास लेवल पर समरसता को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जाएगा.

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वहीं बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के उस बयान पर भी संघ ने अपनी प्रतिक्रिया दी , जिसमें नड्डा ने कहा था, 'अब बीजेपी बड़ी हो गई हैं उन्हें आरएसएस की ज़रूरत नहीं हैं'। संघ ने नड्डा के बयान को पारिवारिक मामला बताया। सुनील आंबेकर ने जेपी नड्डा के बयान पर कहा, 'हमारे मिशन के बारे में मूल विचार सभी के लिए बहुत स्पष्ट है, अन्य मुद्दों को हल किया जाएगा, यह एक पारिवारिक मामला है। इसे हल किया जाएगा। 

जेपी नड्डा ने संघ को लेकर क्या कहा था? 
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि बीजेपी को संघ की जरूरत नहीं है. एक अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि शुरू में हम अक्षम होंगे। थोड़ा कम होंगे। तब RSS की जरूरत पड़ती थी। आज भाजपा सक्षम है, आज पार्टी अपने आप को चला रही है। नड्डा के इस बयान से काफी हंगाम मचा था।

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