Emergency Day: लोकसभा में नए स्पीकर ओम बिरला और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के कामकाज संभालने के बाद इमरजेंसी डे के बहाने बीजेपी हमलावर हो गई। बुधवार को भाजपा सांसद संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में गांधी परिवार पर सत्ता का भूखा होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी की महत्वाकांक्षाएं 'इंडिया गुट' को डगमगा रही हैं।
सत्ता की भूख में इंदिरा गांधी ने लगाया था आपातकाल
आपातकाल (इमरजेंसी) को लेकर बोलते हुए पात्रा ने कहा- इलाहाबाद हाईकोर्ट में करप्ट इलेक्शन प्रैक्सिस केस के बाद सत्ता की भूख के कारण ही इंदिरा गांधी ने 1971 में देश में आपातकाल लागू किया था। संबित पात्रा ने दावा किया कि राहुल में भी वही महत्वाकांक्षा दिख रही है, जिससे विपक्षी गठबंधन को मजबूती नहीं मिल पा रही है। सत्ता की यही भूख अब राहुल और गांधी परिवार में देखी जा रही है, जिससे इंडिया गुट हिल रहा है।
सदन में कांग्रेस सांसदों का विरोध और सपा सांसद शांत?
बीजेपी सांसद पात्रा ने आरोप लगाया कि अपनी दादी (इंदिरा गांधी) द्वारा की गई गलतियों को जानने के बावजूद राहुल सत्ता की लालसा की वजह से द्वंद्व में हैं। आज सदन में एक अविश्वसनीय स्थिति देखने को मिली। जब कांग्रेस सांसद स्पीकर के इमरजेंसी निंदा प्रस्ताव का विरोध कर रहे थे तो राहुल के ठीक बगल में बैठे अखिलेश यादव और सपा सांसद शांत दिखे। उनके पिता दिवंगत मुलायम सिंह यादव को भी इंदिरा गांधी ने जेल में डाला था। राहुल के साथ बैठे टीआर बालू भी जेल गए थे। राहुल गांधी समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर करें तो क्या करें।
'सिर्फ संविधान की कॉपी पकड़ने से दिल में सम्मान नहीं होगा'
संबित पात्रा ने विपक्ष और कांग्रेस पार्टी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भले ही हम कल कह रहे थे कि हम साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे। वे अपना स्पीकर उम्मीदवार खड़ा करने पर जोर दे रहे थे, यह जानते हुए भी कि उनके पास पर्याप्त संख्याबल नहीं है। संविधान के प्रति सच्चा सम्मान दिल से आता है और इसे केवल संविधान की कॉपी पकड़कर दिखाया नहीं किया जा सकता। संविधान की प्रतियां दिखाकर आप संविधान की रक्षा नहीं कर सकते लेकिन दिल में इसके लिए सम्मान होना चाहिए।
सदन में राहुल के लिए असमंजस की स्थिति बनी
- संबित ने कहा- जैसे ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सदन में आपातकाल के खिलाफ एक प्रस्ताव लाए, कांग्रेस सांसद विरोध करते हुए सदन के वेल की ओर दौड़ पड़े, लेकिन समाजवादी पार्टी के सांसद बैठे रहे। राहुल गांधी इस बात को लेकर असमंजस में थे। तो फिर क्या करें। आज कांग्रेस सांसद सदन में संविधान की प्रतियां लेकर संविधान के रक्षक बनने की कोशिश कर रहे थे। संविधान की रक्षा करने के लिए सम्मान दिल में होना चाहिए।
- इस दौरान पात्रा ने आपातकाल के दौरान आई कठिनाइयों पर कहा कि तत्कालीन सरकार ने मीसा कानून में बदलाव किया, 1 लाख 20 हजार लोगों को जेल में डाला, हिरासत में 22 मौतें हुईं। आंदोलन में अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, चरण सिंह, मुलायम सिंह यादव, टीआर बालू, एम. करुणानिधि और शरद पवार जैसे नेता जेल गए।