Sambit patra on Rahul Gandhi:अडाणी मुद्दे पर पक्ष विपक्ष में तकरार बढ़ता जा रहा है। गुरुवार(5 दिसंबर) को राहुल गांधी ने संसद परिसर पहुंचकर एक बार फिर अडाणी का मुद्दा उठाया। राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी अडाणी की जांच नहीं करवा सकते। मोदी और अडाणी एक हैं। अगर पीएम मोदी अडाणी की जांच करवाते हैं तो यह उनके लिए खुद की जांच करवाने जैसा होगा। वहीं, बीजेपी ने इसके बाद राहुल गांधी पर पलटवार किया। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा राहुल गांधी देशद्रोही हैं। वह भारत को अस्थिर करने की इच्छा रखने वाले जॉर्ज सोरोस से मिले हुए हैं। 

कुछ ऐसी ताकते हैं जो देश को तोड़ना चाहती हैं
संबित पात्रा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मुद्दा बहुत गंभीर है। अगर पार्लियामेंट छोड़कर सांसद अगर पार्टी ऑफिस में बैठे हैं तो समझ सकते हैं कि मुद्दा कितना गंभीर है। यह किसी राजनीतिक दल का मुद्दा नहीं है। यह देश की एकता और संप्रुभता का है। कुछ दिनों पहले खुलासा हुआ है कि ऐसी कुछ ताकतें हैं जो भारत को तोड़ना चाहती हैं। आप सबको पता है कि दिसंबर को एक जानी-मानी फ्रेंच न्यूजपेपर मीडिया पार्ट ने कुछ खुलासे किए हैं।

डेंजरस ट्रैंगल के ग्रेटर ऑफ हाइएस्ट ऑर्डर में राहुल गांधी है
यह बेहद गंभीर हैं। हम आज एक ऐसे खतरनाक त्रिकोण के बारे में बता करेंगे जो भारत में अस्थिरता फैलाना चाहता है। है जो भारत को तोड़ना चाहता है। इसमेंअमेरिका में बैठा जॉर्ज सोरोस है और उनकी फाउंडेशन है। कुछ अमेरिकी एजेंसियां हैं। एक न्यूज पोर्टल ओसीसीआरपी है। त्रिकोण के आखिरी कोने यानी कि भारत से संबंध रखने वाले शख्स राहुल गांधी हैं। वह इस डेंजरस ट्रैंगल के ग्रेटर ऑफ हाइएस्ट ऑर्डर में हैं।

मुझे एलओपी को देशद्रोही कहने में कोई डर नहीं
संबित पात्रा ने कहा कि मुझे नेता प्रतिपक्ष यानी कि एलओपी के लिए देशद्रोही शब्द का इस्तेमाल करने में कोई डर नहीं है। मुझे पार्टी में सिखाया गया है कि देश सबसे पहले हैं। यही वजह है कि मुझे आज नेता प्रतिपक्ष को देशद्रोही कहने में कोई संकोच नहीं है। मैं आज आपको इसे आसानी से समझाएंगे। ओसीसीआरपी क्या है, इसे एक ग्लोबल न्यूज एजेंसी है। इतनी बड़ी एजेंसी अगर कुछ छापती है तो इसके लिए बड़ी रकम की जरूरत होती है।

OCCRP को ओपन सोसाइटी फंडिंग करती है
ओसीसीआरपी को जॉर्ज सोराेस की फाउंडेशन फंडिंग करती है। जब राहुल गांधी अमेरिका जाते हैं तो इसी फाउंडेशन के जॉर्ज सोरोस से मुलाकात करते हैं। मैं आज राहुल गांधी का मजाक नहीं उडाऊंगा। जब भारत का लीडर ऑफ अपोजिशन देश के साथ द्रोह कर रहा हो तो यह गंभीर विषय हो जाता है।

भारत के अर्थव्यवस्था को गिराने की हुई कोशिश
1 जुलाई 2021 में पूरी दुनिया में कोविड की महामारी चल रही थी। उस समय भारत ने दो कोविड वैक्सीन ने डेवलप की थी। उस समय ओसीसीआरपी ने एक रिपोर्ट पब्लिश की। इसमें कहा गया कि ब्राजील ने 324 मीलियन डॉलर के वैक्सीन का ऑर्डर कैंसल कर दिया। यह भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला था। OCCRP की इस रिपोर्ट के पब्लिश होने के ठीक एक दिन बाद 2 जुलाई को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारत की सरकार और कोवैक्सीन को घेरे में ले लिया। यह कोई नई बात नहीं थी। जून में ही यह बात पता चल गया था। इसका मतलब ओसीसीआरपी डिक्टेट करता है और राहुल गांधी उसे फॉलाे करते है।

भारतीय उद्यमियों के खिलाफ पब्लिश हुई हिट रिपोर्ट
ओसीसीआरपी ने भारत के कई उद्यमियों के खिलाफ हिट रिपोर्ट पब्लिश किया। इससे यह दिखाने की कोशिश की गई भारत के उद्योगपति सच्चे नहीं है। यह भारत के शेयर मार्केट और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की साजिश थी। जब जब ऐसी रिपोर्ट आई तब तब राहुल गांधी ने भारत के उद्योगपतियों पर सवाल उठाना शुरू कर दिया। हम इंडस्ट्रियलाइजेशन पर जोर देते हैं, वहीं, दूसरी ओर देश में डी इंडस्ट्रियलाइजेशन की बात शुरू हुई। ्र

जॉर्ज सोरोस और राहुल गांधी एक हैं
2022 में ओसीआरपी ने क्लेम किया कि नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी के खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाही राजनीति से प्रेरित है। उस समय ईडी राहुल गांधी ओर सोनिया गांधी से पूछताछ कर रही है। ओआरसीपी ने लिखा कि नेशनल हेराल्ड केस को लेकर लोगों में आक्रोश है। आखिर ओसीसीसीआरपी ने अमेरिका में बैठै-बैठे कैसे इन्वेस्टिगेशन कर लिया कि इस पूछताछ से देश में अफरा-तफरी मची है। बल्कि ऐसा नहीं हुआ था। मैं पूछता हूं कि ओसीसीआरपी को कुछ होता है तो राहुल गांधी को और राहुल गांधी को दर्द होता है। जॉर्ज सोरोस और राहुल गांधी एक ही हैं। दोनों एक हैं। दोनों ही भारत का अमंगल चाहते हैं।