BrahMos Missile System Export Within 10 Days: भारत का ब्रह्मोस मिसाइल अब दुनिया की रक्षा करेगा। भारत अगले 10 दिनों में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लिए ग्राउंड सिस्टम का निर्यात शुरू कर देगा। जबकि मिसाइलें इस साल मार्च तक भेजी जाएंगी। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम का पहला सेट मार्च के अंत तक फिलीपींस पहुंचने की उम्मीद है।
फिलीपींस ने ब्रह्मोस मिसाइलों के लिए भारत के साथ जनवरी 2022 में 375 मिलियन अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह फिलीपींस के इतिहास में किसी भी विदेशी देश के साथ सबसे बड़ा रक्षा निर्यात करार है।
#WATCH | On export of ground systems for BrahMos supersonic cruise missiles to the Philippines, DRDO Chairman Dr Samir V Kamat says, "The ground systems should be sent very soon, in the next 10 days. The missiles, hopefully, will go by March to Philippines." pic.twitter.com/Hpoog3JW9g
— ANI (@ANI) January 25, 2024
5 सालों में सबसे ज्यादा बढ़ा निर्यात
डीआरडीओ अध्यक्ष समीर कामत ने कहा कि हमारे 4.94 लाख करोड़ रुपए उत्पादों में रुचि दिखाई गई है। पहले के मुकाबले ज्यादा ऑर्डर मिल रहे हैं। मेरा अनुमान है कि 60 प्रतिशत या 70 प्रतिशत से अधिक उत्पाद पिछले 5-7 वर्षों में निर्यात किए गए हैं। इनमें टारपीडो, रडार और पिनाक शामिल हैं। आने वाले सालों में बहुत सारे भारतीय हथियार विदेशी सेनाओं के पास होंगे।
बुधवार को नौसेना ने किया सफल परीक्षण
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली दुनिया के सबसे सफल मिसाइल कार्यक्रमों में से एक है। भारतीय वायुसेना ने 24 जनवरी को अपने जंगी जहाज से नई ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल की रेंज को बढ़ाया गया है। इसकी रेंज 800 किमी से ज्यादा है।
#IndianNavy & M/s BAPL carried out successful engagement of land target at enhanced range with advanced supersonic cruise missile. This endeavour revalidates #AatmaNirbharta for extended range precision strike capability from combat & misson ready ships.#AatmaNirbharBharat… pic.twitter.com/nfG9tlC2L4
— SpokespersonNavy (@indiannavy) January 24, 2024
ब्रह्मोस से बढ़ी नौसेना की ताकत
- रेंज बढ़ाने से भारतीय नौसेना को फायदा मिलेगा। वह ज्यादा दूर से अपने दुश्मनों को टारगेट कर कुछ सेकंड में बर्बाद कर पाएंगे। साथ ही दुश्मन के फायर से बचे रहेंगे।
- ब्रह्मोस का निशाना सटीक है। लंबी दूरी पर बैठे दुश्मन पर सटीक निशाना लगाया जा सकता है। जिसमें कोलेटरल डैमेज होने की संभावना बेहद कम है।
- पहले नौसैनिक वर्जन मिसाइल की रेंज 200 किमी थी। जिसे पिछले साल बढ़ाकर 500 किमी किया गया था। अब यह बढ़कर 800 किमी हो गई है।
- ब्रह्मोस मिसाइल हवा में अपना रास्ता बदलने में माहिर है। चलते फिरते टारगेट को भी बर्बाद कर देता है। दुश्मन अपने रडार में इसे पकड़ भी नहीं पाते हैं।