Budget 2024-25: बजट 2024-25 से पहले इंश्योरेंस सेक्टर को कई राहते मिलने की उम्मीद है। बीमा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने बजट से पहले स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर कटौती की सीमा बढ़ाने का सुझाव दिया है। फ्यूचर जनरल इंडिया इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ अनुप राउ ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल की लागत में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है, इसके बावजूद, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80डी के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम (Health insurance premium) पर कटौती की सीमा में बीते 9 साल से कोई बदलाव नहीं किया गया हैञ
नए टैक्स रिजीम में स्वास्थ्य बीमा पर लाभ बढ़े
स्वास्थ्य बीमा के लाभों को नए कर रिजीम में बढ़ाने की भी जरूर है। यह बेहद अहम है कि स्वास्थ्य बीमा की पहुंच बढ़ाई जाए। बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ तपन सिंगल के मुताबि, कर्मचारियों को कम रेट पर स्वास्थ्य बीमा देने, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी कम करने और धारा 80डी के तहत छूट की सीमा (Tax exemption) बढ़ाने जैसे सुधारों से स्वास्थ्य बीमा अधिक सुलभ और किफायती बनेगा।
कैंसर देखभाल में सुधार पर देना होगा ध्यान
राजीव गांधी कैंसर संस्थान और अनुसंधान केंद्र (RGCIRC) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डीएस नेगी के मुताबिक देश में कैंसर देखभाल (cancer care) में सुधार पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत को 70 वर्ष से अधिक आयु के लोगों तक विस्तारित करना वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। मौजूदा समय में 5 लाख रुपए की सीमा गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर के लिए पर्याप्त नहीं है। इस बीमारी के इलाज की लागत 15-20 लाख रुपए तक हो सकती है।
मेडिकल डिवाइसेज पर घटना चाहिए टैक्स
मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (M-Tai) के अध्यक्ष पवन चौधरी के मुताबिक भारत में चिकित्सा उपकरणों (Medical Devices) पर लगाई जाने वाली एक्साइज ड्यूटी दुनिया में सबसे ज्यादा है। इससे मरीजों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में भारत में मेडिकल डिवाइसेज के अवैध आयात का जोखिम बढ़ जाता है, जिससे देश के राजस्व में कमी हो सकती है।
इंश्योरेंस में इन्वेंस्टमेंट पर मिलती है टैक्स में छूट
मौजूदा समय में, आयकर की धारा 80डी के तहत बच्चों के लिए भुगतान किए गए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर टैक्स में छूट मिलती है। स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में परिवार यानी बच्चे, पत्नी और स्वयं के लिए कर टैक्स रिबेट की हाई लिमिट 25,000 रुपए है। एक बच्चा वाले परिवार के लिए आयकर की धारा 80डी के तहत 25,000 रुपए तक की कर कटौती का क्लेम किया जा सकता है। इसके अलावा, व्यापक स्वास्थ्य बीमा कवर 5,000 रुपए तक के क्लेम को सुनिश्चित करता है।