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Myanmar Army Plane Crashes at Mizoram: विमान छोटा था, इसमें पायलट समेत 14 लोग सवार थे। मिजोरम के डीजीपी ने बताया कि 14 लोगों में से 6 घायल हुए हैं। जबकि 8 सुरक्षित हैं। घायलों को लेंगपुई अस्पताल ले जाया गया है। जहां उनका इलाज चल रहा है। 

Myanmar Army Plane Crashes at Mizoram: मिजोरम में मंगलवार को बड़ी दुर्घटना हुई। लेंगपुई हवाई अड्डे पर लैंडिंग के दौरान म्यांमार के विमान शानक्सी Y-8 का संतुलन बिगड़ गया। इससे विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान छोटा था, इसमें पायलट समेत 14 लोग सवार थे। मिजोरम के डीजीपी ने बताया कि 14 लोगों में से 6 घायल हुए हैं। जबकि 8 सुरक्षित हैं। घायलों को लेंगपुई अस्पताल ले जाया गया है। जहां उनका इलाज चल रहा है। 

रिपोर्ट्स के अनुसार, छोटा विमान म्यांमार से भागकर भारत आए घायल सैनिकों को वापस ले जाने के लिए आया था। लेकिन लैंडिंग के दौरान दुर्घटना का शिकार हो गया। लेंगपुई में टेबलटॉप रनवे पर लैंडिंग करना काफी चुनौतीपूर्ण माना जाता है। 

184 सैनिकों को म्यांमार भेजा गया
भारत ने सोमवार को म्यांमार के 184 सैनिकों को उनके देश भेजा है। असम राइफल्स ने बताया कि पिछले हफ्ते कुल 276 म्यांमार सैनिक मिजोरम में दाखिल हुए थे और सोमवार को उनमें से 184 को वापस म्यांमार भेज दिया गया। सैनिक 17 जनवरी को मिजोरम के लॉन्ग्टलाई जिले में भारत-म्यांमार-बांग्लादेश ट्राइजंक्शन पर बंदुकबंगा गांव में घुस गए और असम राइफल्स से मदद मांगी थी।

विद्रोहियों ने सैनिकों की चौकियों पर कर लिया था कब्जा
स्वतंत्र रखाइन राज्य के लिए लड़ने वाले म्यांमार के विद्रोही समूह 'अराकान आर्मी' के लड़ाकों ने सैनिकों के शिविर पर कब्ज़ा कर लिया था। सैनिक जान बचाकर मिजोरम में दाखिल हुए थे। म्यांमार के सैनिकों को पर्व में असम राइफल्स शिविर में ले जाया गया। बाद में उन्हें लुंगलेई में भेज दिया गया। 

असम राइफल्स के एक अधिकारी ने कहा कि शेष 92 सैनिकों को आज वापस लाया जाएगा। पूरे समूह का नेतृत्व एक कर्नल करता है और इसमें 36 अधिकारी और 240 निचले स्तर के कर्मी शामिल होते हैं।

म्यांमार में चल रहा गृहयुद्ध
म्यांमार में गृहयुद्ध चल रहा है। फरवरी 2021 में म्यांमार में सेना ने चुनी हुई सरकार को हटाकर सत्ता पर कब्जा कर लिया था। स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। मिलिट्री लीडर जनरल मिनल आंग हलिंग ने खुद को देश का प्रधानमंत्री घोषित कर दिया था। सेना ने 2 साल के लिए इमरजेंसी घोषित की है। इसके बाद से तमाम लोग पलायन कर रहे हैं। 

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