अगले महीने लागू होगा CAA: 3 देशों के अल्पसंख्यकों को तेजी से मिल सकेगी भारतीय नागरिकता, 17 दिन पहले गृह मंत्री ने दिए थे संकेत

CAA Implementation from Next Month:भारत सरकार अगले महीने से सीएए कानून लागू कर सकती है। इससे 3 पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को तेजी से भारतीय नागरिकता मिल सकेगी। बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने 17 दिन पहले इस बात के संकेत दिए थे कि नागरिकता कानून लोकसभा चुनाव से पहले लागू हो सकता है। सूत्रों के हवासले से मीडिया में आई खबरों के मुताबिक सरकार नए नियमों को लागू करने पर विचार कर रही है।
इसी महीने गृह मंत्री अमित शाह ने किया था ऐलान
ऐसा कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले नागरिक संशोधन अधिनियम यानी CAA देशभर में लागू हो जाएगा। बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने 10 फरवरी को कहा था कि इस बारे में कोई कंफ्यूजन नहीं रहना चाहिए कि सीएए को लोकसभा इलेक्शन से पहले लागू किया जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में आयोजित ईटी नाऊ-ग्लोबल बिजनेस समिट के दौरान यह घोषणा की थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि मुस्लिमों को भड़काया गया, संशोधित कानून में किसी भारतीय की नागरिकता छीनने का प्रावधान नहीं है।
बांग्लादेश-पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता
नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) दिसंबर 2019 में संसद से पारित हो चुका है। सरकार इसे आगामी लोकसभा चुनाव (अप्रैल-मई 2024) से पहले नोटिफाई करेगी। सरकार का कहना है कि सीएए दूसरे देशों के शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है, न कि किसी की नागरिका छीनने के लिए। इसे लेकर देश में खासकर मुस्लिम समुदाय को भड़काया जा रहा है। CAA से किसी भारतीय की नागरिकता को संकट नहीं है। इस अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। सीएए तो बांग्लादेश और पाकिस्तान से लौटने वाले शरणार्थियों को नागरिकता देगा, जो अत्याचारों के चलते भारत लौटकर आ गए थे।
क्या है सीसीए?
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा संसद में पेश किया गया था। इसमें गैर-मुस्लिम शरणार्थियों जैसे हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। इसके दायरे में वे सभी शरणार्थी आएंगे, जो कि 31 दिसंबर 2014 से पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से लौटकर भारत में बस गए थे। दिसंबर 2019 में सीएए के संसद में पास होने के बाद देशभर में मुस्लिम समुदाय ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था।
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