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How to Apply for CAA: नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद सरकार एक स्पेशल वेब पोर्टल लॉन्च करेगी। जिससे शरणार्थी नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।

How to Apply for CAA: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA-Citizenship Amendment Act) को देशभर में लागू कर दिया है। सोमवार शाम इसके लिए सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। अमित शाह ने 10 फरवरी को कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले देश में CAA कानून लागू होकर रहेगा। यहां हम आपको बताएंगे कि अब भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए शरणार्थियों को क्या करना होगा? इसके लिए कैसे और कहां आवेदन करना होगा? जानिए पूरी प्रोसेस...  

1) CAA के तहत कौन अप्लाई कर पाएगा? 
सीएए के तहत 3 पड़ोसी देशों-पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिका प्रदान की जाएगी। जो पड़ोसी देशों से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे। हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, ईसाई और पारसी समुदाय के लोग जिन्होंने प्रताड़ना के कारण भारत में शरण ली है। उनके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया जाएगा। केंद्र सरकार ने CAA के लिए एक अलग वेब पोर्टल बना लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पोर्टल के जरिए ऑनलाइन आवेदन करना पड़ेगा।

2) CAA पोर्टल की लॉन्चिंग कब तक होगी? 
केंद्र सरकार सीएए पोर्टल को कब लॉन्च करेगी। फिलहाल इस बारे में आधिकारिक तौर पर ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि कानून लागू होने के बाद CAA पोर्टल लॉन्च कर दिया जाएगा। पोर्टल पर लंबे वक्त से काम चल रहा है। सरकार की मंजूरी मिलने के बाद पोर्टल को लाइव किया जाएगा। 

3) शरणार्थियों को कैसे अप्लाई करना होगा?
गैर-मुस्लिम शरणार्थी भारत में नागरिकता हासिल करने के लिए सीएए पोर्टल पर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। इन्हें पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। डॉक्यूमेंट सब्मिट करना पड़ेगा। सरकारी जांच पड़ताल में सभी दस्तावेज सही पाए जाते हैं, तो आवेदक को भारत की नागरिकत मिलेगी।

4) eGazette वेबसाइट क्रैश हुई 
इंडिया टुके के मुताबिक, CAA नोटिफिकेशन जारी होने के बाद सरकार की ई गजट वेबसाइट (eGazette website) कैश हो गई। हालांकि, इस बारे में अभी ज्यादा जानकारी मिलने का इंतजार है।

क्या है सीसीए? 
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) मोदी सरकार के द्वारा संसद में पेश किया गया था। इसमें गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। इसके बाद दिसंबर 2019 में सीएए के संसद में पास होने के बाद देशभर में मुस्लिम समुदाय ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था। (पढ़ें पूरी खबर...)

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