Sandeshkhali Issue: तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने रविवार रात दावा किया कि बंगाल सरकार शाहजहां को गिरफ्तार करने में असमर्थ है, क्योंकि अदालत ने पुलिस के हाथ बांध दिए हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सोमवार को कहा कि संदेशखाली में यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपों के मुख्य आरोपी शेख शाहजहां की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं लगाई है। अदालत ने अभिषेक बनर्जी और बंगाल के दो मंत्रियों की टिप्पणियों पर भी बात की।
43 एफआईआर, एक भी गिरफ्तारी नहीं
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि संदेशखाली प्रकरण में पिछले साल दिसंबर तक 43 एफआईआर दर्ज की गईं। जिनमें से 42 में आरोपपत्र दायर किए गए। आदिवासी समुदाय के सदस्यों की जमीन हड़पने के मामले में सात मामले दर्ज किए गए हैं। इस पर अदालत ने सख्त लहजे में कहा कि आश्चर्य की बात है कि चार साल में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।
शाहजहां को न्यायपालिका बचा रही: अभिषेक बनर्जी
रविवार को अभिषेक बनर्जी ने भाजपा को टागरेट करते हुए कहा था कि शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग करने वालों को अपॉइंटमेंट लेना चाहिए और अदालत से पूछना चाहिए कि यह रोक क्यों दी गई। शाहजहां को न्यायपालिका बचा रही है ताकि संदेशखाली सुर्खियों में बना रहे और जलता रहे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तृणमूल कांग्रेस अपने नेता शाहजहां को बचा नहीं रही है।
उन्होंने यह भी दावा किया था कि यदि हाईकोर्ट राज्य पुलिस के हाथ बांध देता है, तो वे किसी को कैसे गिरफ्तार कर सकते हैं? एक महिला ने जब अपना बयान दर्ज कराया तो तत्काल तृणमूल नेताओं उत्तम सरदार और शिबू हाजरा को गिरफ्तार किया गया। उसकी गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाएं और देखें कि पुलिस आगे क्या करती है। बनर्जी ने यह भी कहा कि अधिकारियों को गिरफ्तारी के लिए कम से कम एक महीने का समय दिया जाना चाहिए।
अभिषेक बनर्जी के दावे की INSIDE स्टोरी
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम 5 जनवरी को राशन घोटाला केस में शेख शाहजहां के आवास पर छापेमारी करने पहुंची थी। लेकिन उसके समर्थकों ने ईडी टीम पर हमला कर दिया था। जिसमें कई अफसर घायल हुए। इस बीच शेख शाहजहां मौके से भाग निकला। 16 जनवरी को कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जय सेनगुप्ता ने ईडी ओर से दायर याचिका के बाद संयुक्त जांच का आदेश दिया था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस और सीबीआई दोनों के अधिकारियों के साथ एक विशेष जांच दल बनाने का आदेश दिया। अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कुछ दिनों ईडी ने इसके स्थगन की मांग की, जिसे हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया।
ईडी और राज्य पुलिस ने तब मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष अलग-अलग याचिकाएं दायर की। मामले में स्वतंत्र रूप से जांच करने की अनुमति मांगी गई। खंडपीठ ने 7 फरवरी केा एक आदेश दिया। जिसमें राज्य पुलिस कार्रवाई और जांच पर रोक लगा दी गई। 6 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई तक मामले की जांच भी रोक दी।