Doda Encounter: उत्तराखंड के वीर सपूत कैप्टन दीपक सिंह जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए। 25 वर्षीय कैप्टन दीपक सिंह 48 नेशनल राइफल्स में सिग्नल अधिकारी के पद पर तैनात थे। उन्होंने सुरक्षाबलों की एक टुकड़ी का नेतृत्व करते हुए मंगलवार-बुधवार को आतंकियों का डटकर सामना करते हुए अदम्य साहस का परिचय दिया। शहीद कैप्टन दीपक सिंह ने गोली लगने से पहले एक आतंकी को मार गिराया, लेकिन इस दौरान वे गंभीर रूप से घायल हो गए और देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
जानकारी के मुताबिक, डोडा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ जारी है। शहादत के बाद कैप्टन दीपक सिंह की पार्थिव देह जम्मू लाई गई। यहां सेना के अधिकारियों ने उन्हें भावभीनी विदाई दी।
शहीद के पिता बोले- हर 15 अगस्त को बेटा याद आएगा
शहीद कैप्टन दीपक सिंह का परिवार उत्तराखंड के देहरादून में रहता है। उनके पिता महेश सिंह इसी साल 30 अप्रैल को उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से रिटायर हुए हैं। वे उत्तराखंड के पुलिस महानिरीक्षक अभिनव कुमार के गोपनीय सहायक थे। बेटे की शहादत पर महेश सिंह ने कहा कि दीपक हमेशा से सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहता था। अब जब भी 15 अगस्त आएगा, बेटे के बलिदान को याद करूंगा।
2020 में भारतीय सेना में कमीशन हुए थे कैप्टन दीपक
शहीद कैप्टन दीपक सिंह की दो बहनें हैं, जिनमें से एक की शादी पिछले साल हुई है। कैप्टन दीपक सिंह का मूल निवास उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में है और वे वर्ष 2020 में भारतीय सेना में कमीशन हुए थे। जिस वक्त दीपक की शहदत की खबर परिवार को दी गई, उनके माता-पिता केरल में बेटी के घर पर थे। वे देहरादून लौट रहे हैं। कैप्टन दीपक की शहादत पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शोक-संवेदना व्यक्त कीं।
वीर सपूत का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा: CM धामी
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कैप्टन दीपक सिंह की शहादत पर कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के इस वीर सपूत का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। शहीद का पार्थिव शरीर आज देहरादून लाया जा रहा है, जहां उनके हर्रावाला स्थित फ्लैट पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए ईश्वर से प्रार्थना की कि वे शोक संतप्त परिवार को इस कठिन समय में शक्ति प्रदान करें।