Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर हाईकोर्ट में सुनवाई, AAP-कांग्रेस को लगा झटका, अदालत ने नहीं लगाया स्टे

Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर के लिए बीते दिन मंगलवार को हुए चुनाव पर आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है। इसमें इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। दरअसल हाईकोर्ट ने मेयर चुनाव पर स्टे नहीं लगाया है। हाईकोर्ट ने 3 हफ्ते में इसकी पूरी रिपोर्ट तलब की है। इसके अलावा ही याचिकाकर्ता की जल्द सुनवाई की मांग भी पूरी नहीं हुई। याचिकाकर्ता ने रिकॉर्ड सीज करने की मांग की थी लेकिन प्रशासन ने कहा कि रिकॉर्ड पहले ही सील कर स्ट्रॉन्ग रूम में रख दिया गया है।
बीजेपी को मिली थी जीत
बता दें कि याचिकाकर्ता कुलदीप कुमार ने हाई कोर्ट से नए सिरे से चुनाव कराने के निर्देश देने की मांग की थी। गौरतलब है बीते दिन मंगलवार यानी 30 जनवरी को घोषित चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार मनोज सोनकर ने जीत हासिल की थी। मनोज सोनकर 16 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस-आम आदमी पार्टी (AAP) गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को 12 वोट मिले थे।
कांग्रेस-AAP ने अधिकारियों पर धांधली के आरोप लगाए
खास बात ये है कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए कांग्रेस और आप का गठबंधन है। लेकिन इसके बाद भी बीजेपी के उम्मीदवार को जीत मिली। चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस और आप के उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने मंगलवार मेयर चुनाव के परिणामों को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया। उन्होंने अपनी याचिका में बीजेपी के उम्मीदवार पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि मेयर का चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नहीं हुआ और वोटों की गिनती के दौरान नियमों का उल्लंघन हुआ है। इसलिए इस चुनाव को रद्द कर दोबारा से चुनाव कराने के लिए दिशा निर्देश जारी किए जाने चाहिए। कुलदीप कुमार ने अपनी याचिका में पीठासीन अधिकारी के अलावा दूसरे अधिकारियों पर भी धांधली के आरोप लगाए थे।
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बता दें कि चंडीगढ़ में मेयर चुनाव में कुल 36 वोट पड़े थे। जिसमें आप और कांग्रेस के पास कुल मिलाकर 20 वोट थे, वहीं भाजपा के पास 16 वोट थे। चुनाव में भाजपा को कुल 16 वोट मिले और मेयर पद पर चुनाव मनोज सोनकर जीत गए। वहीं, गठबंधन उम्मीदवार कुलदीप कुमार को 20 में से 12 वोट मिले। आठ वोट अमान्य कर दिए गए थे। इसी को लेकर आप और कांग्रेस लेकर खफा है और इसके खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था। लेकिन हाईकोर्ट से भी अब गठबंधन के उम्मीदवार को झटका लगा है।
बता दें कि इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सभी की निगाहें टीकी थी, क्योंकि यह भाजपा और विपक्षी I.N.D.I.A गुट के बीच लोकसभा चुनाव से पहले महत्वपूर्ण लड़ाई माना जा रहा थी।
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