Supreme Court Chandigarh Mayor Election Hearing Update: चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सोमवार को अहम सुनवाई होनी है। चुनाव में कथित धांधली का आरोप लगाकर आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इससे पहले रविवार को दो बड़े घटनाक्रम हुए। नवनियुक्त मेयर मनोज सोनकर ने अपने से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने 30 जनवरी को आप के कुलदीप कुमार को हराकर चुनाव जीता था। वहीं आप के तीन पार्षद भाजपाई हो गए।

पाला बदलने वाले पार्षदों में नेहा मुसावट, गुरचरण काला और पूनम देवी शामिल हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद के साथ तीनों पार्षदों का स्वागत किया और भरोसा दिया कि पार्षदों को पूर्ण सम्मान मिलेगा। उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। फिलहाल तीन पार्षदों ने पाला बदलकर मेयर चुनाव का पूरा नंबर गेम बदल दिया है।

क्या है अब चंडीगढ़ मेयर चुनाव का नंबर गेम?
करीब एक महीने पहले हुए चुनाव में भाजपा 16 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस और आप के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप सिंह 12 वोट ही हासिल कर पाए। 8 वोट भाजपा और विपक्ष के बीच टकराव का कारण बने और अवैध घोषित कर दिए गए।

चंडीगढ़ नगर निगम में 35 सदस्य हैं। एक सांसद का वोट मिलाकर 36 वोट डाले जाते हैं। बहुमत का जादुई आंकड़ा 19 का है। भाजपा के 14 पार्षद थे। तीन आप पार्षदों के आने से अब यह संख्या 17 हो गई है। शिरोमणि अकाली दल के एक पार्षद का भी समर्थन प्राप्त है और भाजपा की चंडीगढ़ सांसद किरण खेर के पास भी पदेन के रूप में मतदान का अधिकार है। यानी अब भाजपा के पास कुल वोट 19 हो चुके हैं। संख्याबल के लिहाज से भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर खड़ी है। आप के पास अब 10 पार्षद हैं जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस के पास सात हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
30 जनवरी को जब नतीजे घोषित किए गए तो सदन में जमकर हंगामा हुआ था। कांग्रेस और आप पार्षदों ने भाजपा पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया। उन्होंने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह का एक वीडियो जारी किया। जिसमें दावा किया कि मतपत्रों के साथ उन्होंने छेड़छाड़ की है। सबूत के तौर पर वीडियो को सुप्रीम कोर्ट को सौंपा था। हालांकि बीजेपी ने आरोप को खारिज कर दिया। 

सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह लोकतंत्र का मजाक है और आदेश दिया था कि मतपत्रों और चुनावी कार्यवाही के वीडियो को संरक्षित रखा जाए। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मतगणना का वीडियो देखने के बाद पूछा कि क्या यह एक रिटर्निंग अधिकारी का व्यवहार है? 

अदालत ने परिषद के नामित सदस्य मसीह को 19 फरवरी को पेश होने को कहा था। आप और कांग्रेस ने अदालत की टिप्पणियों को भाजपा के मुंह पर करारा तमाचा बताया।

टाल दिया गया था 18 जनवरी का चुनाव
दरअसल, मेयर का चुनाव 18 जनवरी को होना था, लेकिन पीठासीन अधिकारी के बीमार पड़ने के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने इसे 6 फरवरी के लिए टाल दिया था। हाईकोर्ट ने 24 जनवरी को प्रशासन को 30 जनवरी को सुबह 10 बजे मेयर चुनाव कराने का निर्देश दिया था। चुनाव स्थगित करने के आदेश को खारिज करते हुए अदालत ने इसे अनुचित और मनमाना कहा।

AAP ने सबसे पहले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और एक रिटायर्ड जज की देखरेख में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। इसके बाद चंडीगढ़ मेयर का चुनाव हार गए कुलदीप कुमार हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए।