Chandigarh mayor Manoj Sonkar resigns: चंडीगढ़ नगर निगम में रविवार देर रात बड़ा बदलाव हो गया। निगम के मेयर मनोज सोनकर ने इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के तीन कॉर्पोरेटर ने पाला बदल लिया और बीजेपी में शामिल हो गया। इसके साथ ही नगर निगम के बॉडी का पूरा समीकरण बदल गया है। बता दें कि आज यानी सोमवार 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में हुई गड़बड़ियों से जुड़े मामले पर सुनवाई करेना वाला है।
कौन हैं पाला बदलने वाले 3 कॉर्पोरेटर
आम आदमी पार्टी के जो तीन कॉर्पोरेटर बीजेपी में गए हैं, उनमें पूनम देवी, नेहा मुसावट और गुरचरण काला शामिल हैं। तीनों पार्षद रविवार को अचानक चंडीगढ़ से गायब हो गए। इनकी तलाश शुरू हुई। बाद में देर शाम पता चला कि चंडीगढ़ नगर निगम के तीनों पार्षद दिल्ली पहुंच गए हैं। दिल्ली में ही तीनों ने बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गए।
कांग्रेस और AAP ने किया था SC का रुख
चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजे का ऐलान 30 जनवरी को किया गया था। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने चुनाव में धांधली होने का आरोप लगाया था। दोनों पार्टियां ने साथ मिलकर चुनाव नतीजों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। कांग्रेस और AAP ने सुप्रीम कोर्ट से नए मेयर के कामकाज पर रोक लगाने और चुनाव से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट्स को सील करने का आदेश जारी करने की भी गुहार लगाई थी। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने सभी चुनावी प्रक्रिया रोकने, बैलट पेपर सीज करने और मेयर के काम पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश जारी किया था।
चंडीगढ़ निगम में मजबूत स्थिति में आई बीजेपी
AAP के तीन कॉर्पोरेटर के पाला बदलने के बाद नगर निगम बॉडी में बीजेपी मजबूत स्थिति में आ गई है। बीजेपी के पार्षदों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है। शिरोमणि अकाली दल और एक सांसद का समर्थन के साथ बीजेपी 19 वोट अपने पक्ष में करने में कामयाब हो गई है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों की संख्या घटकर 17 रह गई है। बता दें कि चंडीगढ़ नगर निगम में 35 कॉर्पोरेटर और एक सांसद मिलकर मेयर चुनते हैं। कुल 36 वोटों के आधार पर तय होता है कि मेयर कौन होगा।
सोनकर के इस्तीफे की हो रही थी मांग
चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर का इलेक्शन 30 जनवरी को हुआ था। कांग्रेस और AAP ने इंडिया एलाएंस के तहत मिलकर चुनाव लड़ा था। दोनों पार्टियों के एलाएंस के पक्ष में 20 कॉर्पोरेटर ने वोट किया था। हालांकि, रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने कथित तौर पर इंडिया एलाएंस के आठ वोट्स को कैंसल कर दिया और महज 16 पार्षदों का वोट हासिल करने वाली बीजेपी की जीत घोषित कर दी। इसके बाद बीजेपी ने सोनकर को मेयर चुन लिया। इसके बाद से ही कांग्रेस और AAP सोनकर के इस्तीफ की मांग कर रही थी।