Chandigarh Politics: चंडीगढ़ नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर अब राजनीति तेज हो गई है। यह चुनाव आज होना था। बीजेपी के सभी पार्षद नगर निगम के सदन में पहुंच गए थे, लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का कोई भी प्रत्याशी नहीं पहुंचा। यही नहीं, कांग्रेस और आप गठबंधन के मेयर कुलदीप कुमार ढलोड भी नहीं पहुंचे हैं। उन्होंने कल बताया था कि उनकी बहन लुधियाना के हॉस्पिटल में भर्ती हैं, लिहाजा मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंच जाएंगे। चूंकि यह चुनाव एक बजे होना था, लिहाजा कुलदीप कुमार के न पहुंचने के चलते इस चुनाव को आगे के लिए टाल दिया गया है।
बता दें कि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के चुनावों के लिए कुलदीप कुमार का बतौर प्रिजाइडिंग ऑफिसर होना जरूरी है। लेकिन अभी तक उन्होंने मेयर पद का भार नहीं संभाला है। गौरतलब है कि बीजेपी के पास 18 पार्षद हैं, जबकि कांग्रेस-आप गठबंधन के पास महज 17 पार्षद हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को डर है कि वे सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव हार सकते हैं, लिहाजा शुरू से यह प्लानिंग थी कि इस चुनाव को कुछ समय के लिए टाल दिया जाए। इस चुनाव को टालने के लिए कल कांग्रेस के दो पार्षद पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गए थे, जिस पर सुनवाई हुई।
4 मार्च को चुनाव संपन्न करवाने का दिया आदेश
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रशासन को आदेश दिया कि मेयर चुनाव को लेकर तमाम आपत्तियों पर गौर करते हुए नए सिरे से नई नोटिफिकेशन जारी करें। साथ ही, हाई कोर्ट ने नए मेयर कुलदीप कुमार का भी जिक्र किया। हाई कोर्ट ने पूछा कि नए मेयर ने अभी तक कार्यभार क्यों नहीं संभाला है। इस पर हाई कोर्ट को बताया गया कि वे निजी कारणों से कार्यभार नहीं संभाल पाए हैं, जल्द ही आएंगे। हाईकोर्ट में डीसी ने चुनाव का नया कार्यक्रम पेश करते हुए बताया कि दोनों पदों के लिए चुनावी प्रक्रिया नए सिरे से आरंभ की जाएगी। अधिसूचना के अध्ययन के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए चुनाव की वीडियोग्राफी करवाने और मेयर कुलदीप कुमार को 28 फरवरी को पद संभालने व 4 मार्च को चुनाव संपन्न करवाने का आदेश दिया है।
डीसी के फैसले के खिलाफ गठबंधन के पार्षद पहुंचे थे हाई कोर्ट
डीसी ने 23 फरवरी को आदेश दिया था कि 27 फरवरी को यह चुनाव कराए जाएं। इसके बाद दोनों पदों पर आज चुनाव होना तय हुआ था। इस आदेश को चुनौती देने के लिए कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत सिंह व निर्मला देवी पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गए थे। उन्होंने कल याचिका देकर तत्काल सुनवाई की मांग की थी। कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए मामले को आज के लिए सूचीबद्ध किया था।
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बीजेपी की राह पर आप-कांग्रेस गठबंधन
बता दें कि मेयर चुनाव को लेकर जिस तरह से कांग्रेस और आप गठबंधन ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए थे, उसी तरह की तस्वीर सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर भी दिखाई दे रही है। मेयर चुनाव को लेकर ऐन वक्त पर प्रिजाइडिंग ऑफिसर अनिल मसीह अचानक बीमार हो गए थे, जिसके बाद चुनाव को टाल दिया गया था। जानकार बताते हैं कि अनिल मसीह की जगह किसी अन्य प्रिजाइडिंग ऑफिसर को नियुक्त किया जा सकता था, लेकिन सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव में कुलदीप कुमार के अलावा किसी को प्रिजाइडिंग ऑफिसर नियुक्त नहीं किया जा सकता है। कारण यह है कि चंडीगढ़ नगर निगम एक्ट के तहत मेयर ही सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव करा सकता है। चूंकि कुलदीप मेयर ने अभी तक कार्यभार नहीं संभाला है, लिहाजा इस चुनाव को टालना पड़ा है।
कौन बनेगा सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस चाहती है कि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद पर उनका पार्षद रहे, लेकिन आंकड़ों पर नजर डालें तो हालात बदल गए हैं। पहले आप-कांग्रेस गठबंधन जहां बहुमत में था, वहीं आप के तीन पार्षदों के बीजेपी में जाने से यह गठबंधन अल्पमत में आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भले ही अनिल मसीह की ओर से इनवैलिड 8 वोटों को वैलिड देकर कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया, लेकिन सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर में इस गठबंधन की हार तय है। यही कारण है कि आम-कांग्रेस इस चुनाव को कुछ समय तक के लिए टालना चाहती है ताकि बहुमत हासिल कर सके। इसके लिए बीजेपी में जाने वाले पार्षदों को मनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह बात अलग है कि बीजेपी भी अलर्ट है और अपने सभी पार्षदों को रिजॉर्ट्स में रखा है ताकि बहुमत का आंकड़ा गड़बड़ा न सके।