Char Dham Yatra 2024: देवभूमि उत्तराखंड में तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या और उन्हें होने वाली परेशानी को देखते हुए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन बंद कर दिए गए हैं। 31 मई तक वही श्रद्धालु चारधाम यात्रा कर सकेंगे, जिन्होंने ऑनलाइन पंजीयन करा रखा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह निर्णय सोमवार को हाईलेवल कमेटी की बैठक में लिया है।
बैठक के बाद पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि चारधाम यात्रा हमारे राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस बार यात्रा में बहुत श्रद्धालु आ रहे हैं। इसी हिसाब बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त करने बैठक की है। हमारी कोशिश है कि यात्रा सुचारू रूप से चले। इसके लिए फिलहाल, ऑफलाइन पंजीकरण रोक दिए गए हैं, जिन्होंने ऑनलाइन पंजीयन कराया है, अभी वही लोग यात्रा कर पाएंगे।
दरअसल, कई श्रद्धालु पंजीयन में मिली तारीख से पहले ही चारधाम यात्रा में पहुंच गए हैं, जिस कारण तीर्थयात्रियों की संख्या अचानक बढ़ गई है। आरटीओ व जिला प्रशासन को चेकिंग करने के निर्देश दिए गए हैं, भीड़ नियंत्रण नहीं हो पा रहा। जिसके बाद शासन स्तर से ऑफलाइन पंजीयन रोकने का निर्णय लेना पड़ा। उत्तराखंड सरकार ने तीर्थयात्रियों से तय तारीख पर ही दर्शन करने और मेडिकल हिस्ट्री न छुपाने की अपील की गई।
स्टॉल फुल, श्रद्धालुओं का बढ़ा इंतजार
तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ के चलते यात्रा के स्टॉल फुल हो गए हैं। लिहाजा, पर्यटन विभाग ने हरिद्वार में रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद कर दिए हैं। रजिस्ट्रेशन बंद कर देने से बाहर से आए श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है। कुछ यात्री तीन दिन से पंजीयन की आस में भटक रहे हैं, तो कुछ धर्मशाला और होटलों में ठहरे हुए हैं। कुछ श्रद्धालु तो बिना यात्रा के ही लौटने को मजबूर हैं। हरिद्वार के ऋषिकुल मैदान में ऑफलाइन पंजीयन के लिए 20 काउंटर बनाए गए हैं। फिलहाल, सभी काउंटर बंद पड़े हैं। रजिस्ट्रेशन पहले 15 और 16 मई के लिए बंद किए गए थे। फिर 19 मई तक रोक बढ़ाई गई। अब 30 मई तक नए पंजीयन न करने का निर्णय लिया गया है।
8 दिन में 1,20,757 तीर्थयात्री पहुंचे बद्रीनाथ धाम
बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद 8 दिन में 1,20,757 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। 19 मई को 28, 055 तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ के दर्शन किए। केदारनाथ धाम में भी श्रद्धालुओं की खासी भीड़ देखने को मिल रही है। इस दौरान भक्तों को परेशानी न हो, इसके लिए पुलिस व प्रशासन की टीमें तत्परता से जुटी रहीं।