Chenab Bridge Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के चिनाब ब्रिज को लेकर नई जानकारी सामने आई है। दुनिया का यह सबसे ऊंचा रेल पुल, हाल ही में परीक्षणों के दौर से गुजरा है। इसकी कनेक्टिविटी से जम्मू-कश्मीर और देश के दूसरे हिस्सों के बीच सफर आसान होगा। हालांकि, अब खुफिया सूत्रों ने जानकारी दी है कि पाकिस्तान, चीन के इशारे पर, इस पुल से संबंधित संवेदनशील जानकारी इकट्ठा कर रहा है। इस पर भारत ने सतर्कता बढ़ा दी है और पुल की सुरक्षा की फिर से समीक्षा की है। एक अंग्रेजी मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। 

चीन के इशारे पर जुटाई जा रही है जानकारी
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने चीन के निर्देश पर चिनाब ब्रिज से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करनी शुरू की है। इस ब्रिज का निर्माण 20 से अधिक वर्षों में पूरा हुआ है और यह भारत के सामरिक ढांचे का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। पाक और चीन की इस गतिविधि पर भारत की ओर से गहन निगरानी रखी जा रही है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी प्रकार की जानकारी लीक न हो।

जम्मू-कश्मीर में कनेक्टिविटी सुधरेगी
यह ब्रिज जम्मू के रियासी जिले को कश्मीर घाटी से जोड़ता है और इससे 272 किलोमीटर का यह रेलवे सेक्शन हर मौसम में यात्रियों के लिए सुगम होगा। ठंड के मौसम में, जब भारी बर्फबारी के कारण कश्मीर जाने वाली सड़कों पर ब्लॉक हो जाते हैं, यह पुल यात्रा में सहायक साबित होगा। सरकार की माने तो यह पुल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा और जम्मू-कश्मीर में यात्रा सुविधाओं को बढ़ावा देगा।

सामरिक रूप से अहम हैं चिनाब ब्रिज 
चिनाब ब्रिज से न सिर्फ यात्रा आसान होगी, बल्कि यह सामरिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। हिमालयी क्षेत्र में स्थित यह पुल भारत को सीमावर्ती इलाके में बढ़त देगा। जम्मू-कश्मीर लंबे समय से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का कारण रहा है, इसलिए यह पुल सामरिक दृष्टिकोण से भी अहम है। भारत इस पुल की सुरक्षा को लेकर सतर्क है, जिससे कि किसी भी प्रकार की जानकारी बाहरी ताकतों तक न पहुंचे।

20 साल की मेहनत के बाद बना है यह पुल
चिनाब ब्रिज का निर्माण बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण था। इसे बनाने में लगभग 20 साल लगे और यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में अहम भूमिका निभाने वाला है। इसकी निर्माण प्रक्रिया के दौरान सरकार ने कई मुश्किलों का सामना किया। इसमें तकनीकी चुनौतियों के साथ-साथ मौसम की अनिश्चितताएं भी रहीं। अब, इस पुल के संचालन से जम्मू-कश्मीर के विकास में मदद मिलेगी और यात्री सुविधाएं बेहतर होंगी।

चीन-पाकिस्तान के खुफिया गठजोड़ पर भारत की नजर
चीन और पाकिस्तान का खुफिया गठजोड़ भारत के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है। खुफिया जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान ने चीन के निर्देश पर इस पुल के बारे में जानकारियाँ इकट्ठा करनी शुरू की है। भारत इस खुफिया जानकारी के बाद सतर्क हो गया है और पुल की सुरक्षा को लेकर कई कदम उठाए हैं। अब यह देखना होगा कि यह पुल भारत की सामरिक मजबूती और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में किस प्रकार योगदान देता है।