Chhath Puja Holiday 2024: भारत में त्यौहारों का सीजन चरम पर है और नवंबर का महीना विशेष रूप से छात्रों के लिए खुशी भरा है। इस महीने में कई त्योहार और छुट्टियां हैं, जिनमें बिहार, झारखंड, और पूर्वी उत्तर प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक छठ पूजा भी शामिल है। लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत मंगलवार (5 नवंबर) को नहाय खाय के साथ हो गई है। छठ पूजा सूर्य देव (सूर्य) और छठी मैया (मां षष्ठी) को समर्पित एक प्राचीन हिंदू त्योहार है। इस साल छठ पूजा 7 नवंबर को मनाई जाएगी। इस पर्व के मौके पर कई राज्यों में स्कूलों की छुट्टियां घोषित की गई हैं। 

छठ पूजा 2024: जानें कब और कहां रहेंगे स्कूल बंद

दिल्ली (Chhath Puja Holidays in Delhi) 
दिल्ली की सरकार ने 7 नवंबर को छठ पूजा के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने इस अवकाश की घोषणा करते हुए कहा कि यह पूर्वांचल समुदाय के लोगों के लिए एक सम्मान और सहयोग का प्रतीक है, ताकि वे अपने त्योहार को पूरे उत्साह से मना सकें। इस दिन दिल्ली में सभी सरकारी कार्यालयों और स्कूलों में अवकाश रहेगा।  

उत्तर प्रदेश (Chhath Puja Holidays in UP)
उत्तर प्रदेश में भी 7 नवंबर को छठ पूजा के चलते स्कूलों में छुट्टी रहेगी। हालांकि, इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से कोई औपचारिक आदेश नहीं आया है, लेकिन कई स्कूलों ने स्थानीय स्तर पर छुट्टियों की घोषणा की है।  

बिहार (Chhath Puja Holidays in Bihar)
बिहार सरकार ने इस वर्ष छठ पूजा के कारण चार दिनों की लंबी छुट्टी का ऐलान किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार में 6 नवंबर से 9 नवंबर तक स्कूल बंद रहेंगे। यह छात्रों और शिक्षकों के लिए एक बड़ा अवसर है, क्योंकि उन्हें परिवार के साथ त्योहार मनाने का समय मिलेगा।  

झारखंड (Chhath Puja Holidays in Jharkhand) 
झारखंड में भी छठ पूजा के चलते केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 7 नवंबर को प्रतिबंधित अवकाश घोषित किया गया है। वहीं, स्कूलों के लिए कोई औपचारिक सूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन संभवतः कई स्कूल इस दिन बंद रहेंगे। बिहार और झारखंड के कई क्षेत्रों में 8 नवंबर तक भी छुट्टियां जारी रहेंगी।  

छठ पूजा का महत्व और पूजा विधि
छठ पूजा सूर्य देवता और छठी मैया को समर्पित है और इसे पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी तक मनाया जाता है। इस कठिन व्रत को अधिकतर महिलाएं अपने परिवार की खुशहाली और संतान की लंबी उम्र के लिए करती हैं। नहाय खाय से शुरू होकर सूर्य अर्घ्य तक चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में व्रती उपवास रखते हैं और कड़े नियमों का पालन करते हैं।