Bihar Lok Sabha Election: बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए में जाएंगे या महागठबंधन में शामिल होंगे? इस सवाल का जवाब मिलना अभी बाकी है। इससे पहले चिराग पासवान ने तेवर दिखाए हैं। उन्होंने रविवार को साहेबगंज विधानसभा में एक रैली में कहा कि मुझसे हर पार्टी और हर गठबंधन चाहता है कि चिराग पासवान उसके पक्ष में हों। क्योंकि लोग उनके बिहार पहले बिहारी पहले नीति से प्रभावित हैं। चिराग के इस बयान के बाद अटकले लगाई जा रही हैं कि चुनाव में जो पार्टी उन्हें बेहतर ऑफर देगी वे उसी धारा में बह जाएंगे। फिलहाल एनडीए के सहयोगी चिराग पासवान का बिहार में विपक्षी गठबंधन 'महागठबंधन' में शामिल होने के संकेत मिल रहे हैं।
भाजपा नेताओं ने कहना है कि चाचा और भतीजे के बीच झगड़ा एक कांटा है। क्योंकि पार्टी चिराग को खोने का जोखिम नहीं उठा सकती है, लेकिन पारस से भी मुंह नहीं मोड़ना चाहते हैं।
खुद को बताया शेर का बेटा
चिराग पासवान ने कहा, 'मैं यहां मीडियाकर्मियों की भीड़ देख सकता हूं जो यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि चिराग पासवान किसके साथ जुड़े हुए हैं। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि चिराग पासवान केवल बिहार के लोगों के साथ जुड़े हुए हैं। हर पार्टी, हर गठबंधन चाहता है कि चिराग पासवान उसके पक्ष में हों।'
रैली में चिराग ने खुद को शेर का बेटा कहा। साथ ही खुद को अपने दिवंगत पिता राम विलास पासवान के सच्चे उत्तराधिकारी के रूप में पेश करने का एक और प्रयास किया। इस दौरान उन्होंने जद (यू) के प्रमुख बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी को विभाजित करने वाले केंद्रीय मंत्री चाचा पशुपति कुमार पारस का नाम लेने से परहेज किया। हालांकि, चिराग ने उन साजिशों का जिक्र किया जिनका उन्हें सामना करना पड़ा। चिराग ने कहा कि कुछ लोगों ने मेरे घर, मेरे परिवार और मेरी पार्टी को तोड़ना चाहा था, हालांकि मैंने उन्हें दिखा दिया कि चिराग पासवान को डराया नहीं जा सकता।
चाचा पशुपति पारस ने ठोका हाजीपुर सीट पर दावा
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) प्रमुख और चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस ने हाजीपुर सीट पर एक बार फिर दावा किया है। वे यहां से मौजूदा सांसद हैं। आरएलजेपी के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि हाजीपुर या हमारी पार्टी की अन्य चार सीटों में से किसी को भी छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है। हमें यकीन है कि भाजपा हमारे दावे का सम्मान करेगी क्योंकि हम एनडीए के स्वाभाविक सहयोगी हैं।