Supriya Sule On EVM: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के साथ छेड़छाड़ के आरोप एक बार फिर सामने आए हैं। इस बार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की नेता सुप्रिया सुले ने स्ट्रॉन्गरूम में सीसीटीवी कैमरे बंद होने पर चिंता जताई है। सुप्रिया सुले ने आरोप लगाया कि बारामती लोकसभा चुनाव के लिए जिस स्ट्रॉन्गरूम में EVM मशीनें रखी गई थीं, उसके CCTV कैमरे को 45 मिनट के लिए स्वीच ऑफ कर दिया गया। NCP(S) नेता ने कहा है कि यह गड़बड़ी करने का संदेह पैदा करता है। जिसके बाद चुनाव अधिकारी ने जवाब दिया।
रिटर्निंग अफसर ने दिया सुप्रिया के आरोपों का जवाब
सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि यह एक बड़ी सुरक्षा चूक है। चुनाव आयोग को तत्काल इस मामले में एक्शन लेना चाहिए और पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहिए। बारामती लोकसभा सीट की रिटर्निंग अफसर कविता द्विवेदी ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि सीसीटीवी डिस्प्ले अस्थायी रूप से बंद था। हालांकि, इस दौरान सिस्टम चालू ही था। हालांकि, इस सीसीटीवी कैमरे को क्यों शटडाउन किया गया था। इस बारे में रिटर्निंग अफसर ने कोई जवाब नहीं दिया। इस जवाब के बाद सुप्रिया सुले ने अपने X अकाउंट पर दोबारा पोस्ट कर चुनाव आयोग की खामियों को लेकर सवाल उठाया।
सुप्रिया सुले अधिकारी के जवाब से नहीं हुईं संतुष्ट
सुप्रिया सुले ने लिखा कि जब चुनाव प्रतिनिधि ने संबंधित अधिकारियों और प्रशासन से संपर्क किया तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके साथ ही उस स्थान पर टेक्निशियन भी मौजूद नहीं थी। हमारे प्रतिनिधियों को ईवीएम का निरीक्षण भी नहीं करने दिया गया। यह एक गंभीर मामला है। चुनाव आयोग को तत्काल इस बारे में संज्ञान लेना चाहिए। आयोग को यह बताना चाहिए कि आखिर स्ट्रॉन्गरूम में सीसीटीवी कैमरों को क्यों स्वीच ऑफ किया गया। साथ ही इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
बारामती महराष्ट्र की हॉट लोकसभा सीटों में से एक
बता दें कि बारामती लोकसभा सीट महाराष्ट्र की हॉट सीटों में से एक हैं। यहां पर शरद पवार के परिवार के दो सदस्य अलग-अलग पार्टियों के टिकट से मैदान में हैं। शरद पवार की अगुवाई वाली पार्टी NCP(S) से सुप्रीया सुले चुनाव लड़ रही हैं। सुले के खिलाफ उनके चचेरे भाई और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार चुनावी मैदान में ताल ठोंक रही हैं। सुनेत्रा पवार को बारामती से चुनावी मैदान में उतारे जाने पर सुले ने कहा था कि यह बीजेपी की गंदी राजनीति है। बारामती में 7 मई को वोटिंग हुई थी।
अजित पवार ने बीते साल चाचाा के साथ की थी बगावत
बीते साल जुलाई में अजित पवार अपने चाचा और राजनीतिक गुरु शरद पवार से बगावत कर बीजेपी-एकनाथ शिंदे गठबंधन में शामिल हो गए थे। इसके बाद एनसीपी के सिम्बल और नाम पर भी दावा ठोंक दिया था। चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को ही असली एनसीपी बताया था। चुनाव आयोग ने कहा था कि शरद पवार का गुट अब एनसीपी (एस) के नाम से जाना जाएगा। पुरानी एनसीपी के केवल 12 विधायक ही मौजूदा समय में शरद पवार के साथ हैं। बाकी के 41 विधायक अजित पवार के साथ आ गए हैं। दोनों ही पार्टियों के पास मौजूदा समय में दो- दो सांसद हैं।