Who is Karan Bhushan Singh: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश की कैसरगंज लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया। बीजेपी ने करण भूषण सिंह काे अपना कैंडिडेट घोषित कर दिया है। करण भूषण सिंह राजनीतिक बैक ग्राउंड से आते हैं। साथ ही कुश्ती और बैंकिंग सेक्टर से भी जुड़े हैं। आइए जानते हैं बीजेपी की ओर से कैसरगंज सीट से उम्मीदवार बनाए गए करण भूषण सिंह से जुड़ी सभी बातें।
कौन हैं करण भूषण सिंह (Who is Karan Bhushan Singh)
करण भूषण सिंह कैसरगंज सीट से मौजूदा बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के छोटे बेटे हैं।13 दिसंबर 1990 को जन्मे करण भूषण सिंह डबल ट्रैप शूटिंग के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं। उनके पास डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद से बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए) और कानून की डिग्री है। वर्तमान में, वह उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं और गोंडा जिले के नवाबगंज में सहकारी बैंक के अध्यक्ष भी हैं।
करण भूषण सिंह लड़ रहे हैं अपना पहला चुनाव
करण भूषण सिंह अपना पहला चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि, करण भूषण सिंह के बड़े भाई प्रतीक भूषण पहले से ही राजनीति में है और बीजेपी विधायक हैं। करण भूषण सिंह के पिता बृजभूषण शरण सिंह पूर्वांचल की राजनीति में अहम शख्सियत माने जाते हैं । कैसरगंज सीट से अपने बेटे करण भूषण सिंह को उम्मीदवार बनाने के बारे में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से बृजभूषण शरण सिंह की पहले ही बात हो गई थी। छह बार सांसद रहे बृजभूषण अपने निर्वाचन क्षेत्र में निजी शैक्षणिक केंद्र भी संचालित करते हैं।
करण भूषण सिंह के पिता को लेकर रहा है विवाद
बीजेपी की ओर से कैसरगंज सीट से करण भूषण सिंह को उम्मीदवार बनाने की घोषणा बृज भूषण से जुड़े विवाद के बीच आई है। बृजभूषण पर डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना करना पड़ा था। साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया सहित पहलवानों ने उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। दिल्ली पुलिस ने बृज भूषण के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया, लेकिन बाद में उन्हें जमानत दे दी गई।
कैसरगंज में पांचवे चरण में 20 मई को होगी वोटिंग
कैसरगंज में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा। 2019 के चुनाव में, बृजभूषण ने बसपा और कांग्रेस उम्मीदवारों को हराकर 5.8 लाख से अधिक वोट हासिल किए बृजभूषण ने पूर्वांचल की राजनीति में काफी प्रभाव डाला है, वे गोंडा से दो बार, बहराइच से एक बार और कैसरगंज से तीन बार सांसद रहे। भाजपा में शामिल होने से पहले, उन्होंने 1991 में समाजवादी पार्टी के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। 2008 में क्रॉस-वोटिंग के कारण बीजेपी से कुछ समय के लिए निलंबित किए जाने के बावजूद, वह 2014 में फिर से बीजेपी शामिल हुए और कैसरगंज से जीत हासिल की।