Amit Shah Asserts CAA Permanence: केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार इसके साथ कभी समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है, हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे और सीएए कभी वापस नहीं लिया जाएगा। मोदीजी ने जो कह दिया, वह पत्थर की लकीर है।
#WATCH | On opposition's allegation that BJP is creating a new vote bank through CAA, Union Home Minister Amit Shah, says "The Opposition has no other work...'Unki history hai jo bolte hai who karte nahi hai, Modi ji ki history hai jo BJP ya PM Modi ne kaha woh patthar ki lakeer… pic.twitter.com/Oa4erHffja
— ANI (@ANI) March 14, 2024
विपक्ष जानता है कि उसकी सरकार नहीं बनेगी
कांग्रेस की सरकार बनने पर सीएए को रद्द कर दिया जाएगा? इस सवाल के जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष भी जानता है कि उसके सत्ता में आने की संभावना कम है। सीएए भाजपा पार्टी द्वारा लाया गया है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इसे लेकर आई है। इसे रद्द करना असंभव है। हम पूरे देश में इसके बारे में जागरूकता फैलाएंगे। ताकि जो लोग इसे रद्द करना चाहते हैं उन्हें जगह न मिले।
दरअसल, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सीएए की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि यदि लोकसभा चुना में INDI गठबंधन सत्ता में आता है पर कानून को रद्द कर दिया जाएगा।
#WATCH | "CAA will never be taken back. It is our sovereign decision to ensure Indian citizenship in our country, we will never compromise on it, "says Union Home Minister Amit Shah. pic.twitter.com/viF82sRyTX
— ANI (@ANI) March 14, 2024
सीएए पूरी तरह से वैधानिक
केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि सीएए असंवैधानिक है। गृह मंत्री ने कहा कि वे (विपक्ष) हमेशा अनुच्छेद 14 के बारे में बात करते हैं। वे भूल जाते हैं कि उस अनुच्छेद में दो खंड हैं। यह कानून अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता है। यह उन लोगों के लिए कानून है, जिन पर अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न हुआ और उन लोगों ने भारत आने का फैसला किया।
विपक्षी दल झूठ की राजनीति में लगे
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सीएए को लागू किए जाने के विपक्ष के दावे का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि सबसे पहले मैं समय के बारे में बात करूंगा। राहुल गांधी, ममता या केजरीवाल समेत सभी विपक्षी दल झूठ की राजनीति में लगे हुए हैं। इसलिए समय का सवाल ही नहीं उठता। बीजेपी ने अपने 2019 के घोषणापत्र में स्पष्ट कर दिया था कि वह सीएए लाएगी और पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करेगी। बीजेपी का एक स्पष्ट एजेंडा है और इसके तहत नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 में संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया था। कोविड के कारण इसमें देरी हुई। भाजपा ने चुनाव में पार्टी को जनादेश मिलने से पहले ही अपना एजेंडा साफ कर दिया था।'
उन्होंने कहा कि नियम अब औपचारिकता बन गए हैं। समय, राजनीतिक लाभ या हानि का कोई सवाल नहीं है। अब, विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति करके अपने वोट बैंक को मजबूत करना चाहता है। मैं उनसे अनुरोध करना चाहता हूं कि वे बेनकाब हो गए हैं। सीएए किसके लिए कानून है? पूरे देश और मैंने चार साल में लगभग 41 बार दोहराया है कि यह सच्चाई बन जाएगी।
#WATCH | On opposition parties raising questions on the timing of CAA notification, Union HM Amit Shah says, "All opposition parties including Owaisi, Rahul Gandhi, Arvind Kejriwal, Mamata Banerjee are doing politics of lies..."
— ANI (@ANI) March 14, 2024
"All opposition parties incl Owaisi, Rahul Gandhi,… pic.twitter.com/F3a8St1bPp
विपक्ष ने तो सर्जिकल स्ट्राइक और अनुच्छेद 370 पर भी उठाए थे सवाल
गृह मंत्री ने कहा कि राजनीतिक लाभ का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि भाजपा का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को अधिकार और न्याय प्रदान करना है।
गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष ने सर्जिकल स्ट्राइक और अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर भी सवाल उठाए थे और इसे राजनीतिक लाभ से जोड़ा था। तो क्या हमें आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम नहीं उठाने चाहिए? हम 1950 से कह रहे हैं कि हम अनुच्छेद 370 वापस लेंगे। मैंने CAA पर अलग-अलग मंचों पर कम से कम 41 बार बात की है और इस पर विस्तार से बात की है कि देश के अल्पसंख्यकों को डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि इसमें किसी भी नागरिक के अधिकारों को वापस लेने का कोई प्रावधान नहीं है।
उन्होंने कहा कि CAA का उद्देश्य सताए गए गैर मुस्लिम प्रवासियों- जिनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं, उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान करना है। ऐसे लोग जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए। इस कानून के माध्यम से उनकी पीड़ा को कम किया जा सकता है।
#WATCH | On CAA notification, Union Home Minister Amit Shah says, "…There is no need for minorities or any other person to fear because there is no provision in CAA to take away anyone's citizenship. CAA is only to give rights and citizenship to Hindus, Buddhists, Jains, Sikhs,… pic.twitter.com/xuUWDXfW6e
— ANI (@ANI) March 14, 2024
ओवैसी और ममता बनर्जी को जवाब- सीएए मुस्लिम विरोधी नहीं
गृह मंत्री ने एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी जैसे विपक्षी नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सीएए मुस्लिम विरोधी नहीं है। 15 अगस्त, 1947 को हमारे देश का विभाजन हुआ था। हमारे देश का तीन हिस्सों में बंटवारा हुआ था। भारतीय जनसंघ और बीजेपी हमेशा विभाजन के खिलाफ थे।
हम कभी नहीं चाहते थे कि धर्म के आधार पर देश का बंटवारा हो। लेकिन जब देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ तो अल्पसंख्यकों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। उनका धर्म परिवर्तन किया जा रहा था, अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं पर अत्याचार हो रहा था और वे भारत आ गईं। वे हमारी शरण में आईं। क्या उन्हें भारतीय नागरिकता पाने का अधिकार नहीं है? यहां तक कि विभाजन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने भी अपने भाषणों में कहा था कि व्यापक रक्तपात के कारण उन अल्पसंख्यकों को जहां भी रहना चाहिए, उन्हें बाद में हमारे देश में स्वागत किया जाएगा।
#WATCH | On international media terming CAA as an "anti-muslim" law, Union Home Minister Amit Shah says, "You cannot see this law in isolation. In 1947, partition was done based on religion... Congress leaders at the time had said that people who migrated could come back anytime.… pic.twitter.com/uY9TCnoExN
— ANI (@ANI) March 14, 2024
पाकिस्तान में 23 फीसदी हिंदू थे, अब 3.7 फीसदी बचे
गृह मंत्री ने कहा कि जिन लोगों पर अत्याचार हुआ है उनके अधिकार सुनिश्चित करना सरकार का नैतिक कर्तव्य है। जो लोग अखंड भारत का हिस्सा थे और जिन पर मुकदमा चलाया गया या उन पर अत्याचार किया गया उन लोगों को भारत में शरण दी जानी चाहिए और यह हमारी सामाजिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है। अब आंकड़ों पर गौर करें तो पाकिस्तान में जब बंटवारा हुआ तो वहां 23 फीसदी हिंदू और सिख थे, लेकिन अब सिर्फ 3.7 फीसदी हिंदू और सिख बचे हैं। वे कहां हैं? वे यहां नहीं लौटे हैं। उनका धर्म परिवर्तन किया गया, उन पर अत्याचार किया गया और उनका अपमान किया गया। उन्हें दोयम दर्जे का दर्जा दिया गया। वे कहाँ जाएंगे? क्या देश नहीं सोचेगा, संसद उनके बारे में नहीं सोचेगी और राजनीतिक दलों को उनके बारे में नहीं सोचना चाहिए?
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में इस समय केवल लगभग 500 हिंदू हैं। क्या इन लोगों को अपनी मान्यताओं के अनुसार जीने का अधिकार नहीं है। जब भारत एक था, तो वे हमारे भाई थे।
#WATCH | On CAA notification, Union Home Minister Amit Shah says "The people who were part of Akhand Bharat and who were prosecuted or tortured should be given refuge in India and this is our moral and constitutional responsibility. When the partition happened there were 23%… pic.twitter.com/c8oMIPP2Mk
— ANI (@ANI) March 14, 2024
बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं पर क्यों नहीं बोल रहे केजरीवाल?
गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस टिप्पणी पर भी निशना साधा, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि सीएए भारत के युवाओं के लिए बनी नौकरियां छीन लेगा और इससे क्राइम में वृद्धि हो सकती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिन लोगों को इस कानून से लाभ होगा वे पहले से ही भारत में हैं। अगर वे इतने चिंतित हैं तो वे बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं के बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं। क्योंकि वे वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं? दिल्ली चुनाव उनके लिए कठिन हैं इसलिए वे वोट बैंक की राजनीति में शामिल हैं।
#WATCH | On Delhi CM Arvind Kejriwal's statement that giving citizenship to refugees will increase thefts and rapes, Union Home Minister Amit Shah says, "The Delhi CM has lost his calm (aapa kho baithe hain) after his corruption was exposed...He is doing vote bank politics"
— ANI (@ANI) March 14, 2024
"The… pic.twitter.com/7UI3S1xhjN
हिंदू और मुसलमानों के बीच मतभेद पैदा कर रही ममता बनर्जी
अमित शाह ने सीएए के कारण अल्पसंख्यकों की नागरिकता छिन जाने का आरोप लगाने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मैं ममता जी से अनुरोध कर रहा हूं कि राजनीति करने के लिए कई मंच हैं, लेकिन कृपया बांग्लादेश से आने वाले बंगाली हिंदुओं को नुकसान न पहुंचाएं। मैं ममता को सार्वजनिक रूप से चुनौती देता हूं कि वह एक ऐसा खंड बताएं जिसमें किसी भी भारतीय की नागरिकता छीनने का प्रावधान हो। इरादा वोट बैंक को मजबूत करने के लिए हिंदू और मुसलमानों के बीच मतभेद पैदा करना है। सीएए करना होगा। अगर वह कुछ चाहती है तो घुसपैठ रोक सकती है, लेकिन वह सहयोग नहीं कर रही है।