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RMLNLU Convocation Day: लखनऊ की Law University में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बीएएलएलबी और एलएलएम का कोर्स हिंदी में शुरू किए जाने व कोर्ट के आदेश हिंदी-अंग्रेजी के साथ स्थानीय भाषा में सुनाए जाने का सुझाव दिया। कहा, कई बार यह फैसले आम आदमी को समझ ही नहीं आते।  

RMLNLU Convocation Day: लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (RMLNLU) के दीक्षांत समारोह में CJI चंद्रचूड़ और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर अतिथि शामिल हुए। शनिवार 13 जुलाई को RMLNLU के छात्रों को संबोधित करते हुए CJI चंद्रचूड़ ने कोर्ट के फैसले हिंदी-अंग्रेजी के साथ स्थानीय भाषा में लिखे जाने का सुझाव दिया। CJI ने इस दौरान LAW की पढ़ाई भी हिंदी भाषा में कराए जाने का सुझाव दिया है।  

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, बीएएलएलबी और एलएलएम का कोर्स हिंदी में भी शुरू किए जाने चाहिए। बताया कि कोर्ट के कई ऐसे फैसले होते हैं, जो हिंदी में न होने से आमजन को समझ ही नहीं आते। इसलिए अंग्रेजी और हिंदी के साथ क्षेत्रीय भाषा में भी फैसले सुनाए जाने चाहिए। 

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने बताया, 2 साल पहले मैं लखनऊ निजी कार्यक्रम में आया था, लेकिन CJI बनने के बाद मेरा पहला लखनऊ दौरा है। यहां रहकर मुझे यूपी के हार्ट के बारे में जानने का मौका मिला। रेजिडेंशियल कैंपस बनाकर अलग-अलग बैकग्राउंड के स्टूडेंट्स को बेहतर माहौल में शिक्षा देना शानदार प्रयास है।

CJI ने ग्रेजुएट्स से कहा, कॉर्पोरेट जॉब की बजाय न्याय क्षेत्र में कॅरियर बनाएं। बताया, 2017 में RML के लॉ ग्रेजुएट मेरे आफिस में इंटर्न किया और आज वह सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्रार जनरल हैं। अनुभव साझा करते हुए सीजेआई ने कहा, मेरा स्टाफ 80 से 100 फाइल कंधों पर लेकर आते हैं, लेकिन अब काफी कुछ बदल गया है।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने न्याय की प्रक्रिया आमजन के लिए आसान बनाए जाने पर जोर दिया। कहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का आम लोगों के अनुवाद किया जा रहा है। 1950 से अब तक 37000 जजमेंट का हिंदी अनुवाद किया जा चुका है। जिसका लाभ अपनी समझ बढ़ाने में किया जाना चाहिए। लखनऊ में हिंदुस्तानी तो पूर्वी इलाके में भोजपुरी बोली जाती है, लेकिन कानून के क्षेत्र में अंग्रेजी भाषा पर जोर है। जज और वकील अंग्रेजी में दक्ष हैं, लेकिन आम लोग इससे अनजान हैं। 

सीजेआई ने बताया कि 81 कॉलेजों के सर्वे से पता चला है कि जनता को अंग्रेजी भाषा का ज्ञान न होने से उन्हें परेशानी होती है। मैं किसी को दोष नहीं देना चाहता। लेकिन इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि फैसले स्थानीय भाषा में लिखे जाने चाहिए। RMLNLU को भी हिंदी में LLB कोर्स करना चाहिए। छात्र को खसरा-खतौनी की जानकारी नहीं है तो वह ऐसे मामलों में लोगों की मदद कैसे कर पाएंगे।  

250 से ज्यादा ज्यूडिशियल ऑफिसर मिले 
दीक्षांत समारोह में कुलपति अमर पाल सिंह ने बताया कि लखनऊ लॉ यूनिवर्सिटी ने अब तक 250 से ज्यादा ज्यूडिशियल ऑफिसर दिए हैं। लीगल एजुकेशन मूल्यवान शिक्षा है। कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरुण भंसाली भी शामिल हुए। कुलपति ने सभी के प्रति आभार जताया। अतिथियों ने 132 मेधावियों को पदक देकर सम्मानित किया। इनमें BA-LLB के 1058, LLM के 133, डिप्लोमा के 178 व पीएचडी के 60 स्टूडेंट्स को उपाधि दी गई। 

 

CJI DY Chandrachood in Lucknow
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