New Coaching Centre Guidelines: छात्रों के भविष्य को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्राइवेट कोचिंग संस्थानों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। इन नई गाइडलाइंस के अनुसार अब कोई भी कहीं भी और कभी भी प्राइवेट कोचिंग सेंटर नहीं खोल पाएगा। यही नहीं अब कोचिंग सेंटर में 16 साल से कम उम्र के बच्चों को पढ़ाई के लिए नामांकन नहीं होगा। कोचिंग सेंटर किसी छात्र से मनमानी फीस भी नहीं वसूल सकेंगे।

अपेक्षाओं के दबाव में बच्चें
प्रतिस्पर्धा के दौर में हर कोई चाहता है कि उनके बच्चे बेस्ट बनें। सपने डॉक्टर बनाने के, इंजीनियर बनाने के, सीए बनाने के, सरकारी अफसर बनाने के, टॉपर बनाने के.... अपेक्षाओं के बोझ से बने दबाव से स्टूडेंट्स के टूटने और खुदकुशी करने जैसी घटनाएं भी बढ़ रही हैं। 

फिल्मों और वेबसीरीज ने भी दिखाई समस्या 
वहीं दूसरी तरफ कोचिंग सेंटर भी फर्जी और गुमराह करने वाले दावों से स्टूडेंट और पैरेंट्स के साथ खिलवाड़ करते हैं।  'कोटा फैक्ट्री'  वेबसीरीज और हाल ही में आई '12th फेल'  फिल्म ने इस समस्या को दिखाने की कोशिश हुई थी। फिल्म में दिखाया गया कि यूपीएससी की तैयारी कराने वाला एक कोचिंग सेंटर अपने विज्ञापनों में उन टॉपरों के नाम और तस्वीर का भी इस्तेमाल करता है जो उसके यहां कभी पढ़े ही नहीं थे। अब भारत सरकार ने कोचिंग सेंटरों के लिए कड़े नियम तय किए हैं।

कोचिंग सेंटरों के पास नो अब्जेक्शन सर्टिफिकेट जरूरी 
केंद्र ने ये गाइलाइन देश भर में NEET या JEE की तैयारी कर रहे छात्रों के बढ़ते सुसाइड मामलों को लेकर दिया है। गाइडलाइन के अनुसार,  आईआईटी जेईई, एमबीबीएस, नीट जैसे प्रोफेशनल कोर्स के लिए कोचिंग सेंटरों के पास सुरक्षा संबंधी NOC(नो अब्जेक्शन सर्टिफिकेट) होनी चाहिए।

उल्लंघन करने पर होगा जुर्माना
केंद्र सरकार ने सख्त आदेश जारी करते हुए यह भी कहा है कि अगर कोचिंग सेंटर इन गाइडलाइंस को फॉलो नहीं करता तो पहली बार के उल्लंघन पर 25 हजार का फाइन लगाया जाएगा। वहीं दूसरी बार अगर उल्लंघन किया जाता है तो 1 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा।

वापस करनी पड़ेगी फीस
वही गाइडलाइंस में फीस को लेकर भी नियम बनाए गए है। अगर कोई छात्र पूरे कोर्स की फीस देता है और बीच में ही कोर्स छोड़ कर जाता है। ऐसे में कोचिंग संस्थान को बचे हुए कोर्स की फीस उसे वापस करनी पड़ेगी। जिसमें हॉस्टल और मेस फीस भी शामिल होगी

2023 में सबसे ज्यादा छात्रों ने की आत्महत्या 
साल 2023 में भारत में कोचिंग सेंटरों में आत्महत्याओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई थी। आंकड़ों के मुताबिक, साल 2023 में कोचिंग सेंटरों में आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या 2022 की तुलना में लगभग 50% अधिक थी। कोचिंग सेंटरों में छात्र बहुत अधिक दबाव में रहते हैं। उन्हें परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बहुत अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इस वजह से वे तनाव, अवसाद और अन्य मानसिक समस्याओं से ग्रस्त हो सकते हैं।