Pawan Khera Questions Pranpratishtha Rituals at Ram Temple: अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन और गर्भगृह में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले देश की सियासत में महाभारत छिड़ गया है। शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रवक्ता पवन खेड़ा ने निमंत्रण पर सवाल उठाते हुए 4 सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि क्या भगवान के मंदिर जाने के लिए किसी निमंत्रण की आवश्यकता होती है? किस तारीख को कौन जाएगा, क्या यह कोई पार्टी तय करेगी? क्या कोई पार्टी तय करेगी कि मैं अपने भगवान के मंदिर कब जाऊं?
भगवान और मेरे बीच बिचौलिया बनकर बैठी भाजपा
पवन खेड़ा ने कहा कि न इंसान किसी को मंदिर में बुला सकता है और न इंसान किसी को मंदिर जाने से रोक सकता है। किसी भी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का एक विधि विधान होता है, धर्म शास्त्र होते हैं। चारों पीठों के शंकराचार्य स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि एक अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जा सकती। ऐसे में अगर यह कार्यक्रम धार्मिक नहीं है, तो यह कार्यक्रम राजनीतिक है। एक राजनीतिक कार्यक्रम में मेरे और मेरे भगवान के बीच एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता बिचौलिया बनकर बैठ जाएं, हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे।
आईटी सेल ने शंकराचार्यों के खिलाफ छेड़ी मुहिम
पवन खेड़ा ने कहा कि एक पूरा संगठन मेरे धर्म का ठेकेदार बन बैठा है। इस संगठन की आईटी सेल चारों पीठों के शंकराचार्यों के खिलाफ मुहिम छेड़कर बैठी है। इस पूरे आयोजन में कहीं भी धर्म, नीति और आस्था नहीं दिखाई दे रही है। सिर्फ राजनीति दिखाई दे रही है। मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी की तारीख का चुनाव 2024 लोकसभा इलेक्शन को ध्यान में रखकर तय की गई है।
यह मंदिर का उद्घाटन नहीं, एक व्यक्ति का तमाशा
पवन खेड़ा ने पीएम मोदी का नाम लिए बगैर कहा कि किसी एक व्यक्ति के राजनीतिक तमाशे के लिए हम अपने भगवान और आस्था के साथ खिलवाड़ होते हुए नहीं देख सकते। मंदिर निर्माण का कार्य विधिवत पूरा हो, लेकिन इसमें किसी प्रकार का राजनीतिक दखल कोई भी भक्त बर्दाश्त नहीं करेगा।
कांग्रेस ने पूछे चार सवाल
- मंदिर में कौन आएगा और कौन नहीं, ये बताने वाले आप कौन हैं?
- प्राण प्रतिष्ठा में VVIP एंट्री लगाने वाले आप कौन हैं?
- कैमरों की फौज लेकर आधी-अधूरी प्राण प्रतिष्ठा करने वाले आप कौन हैं?
- विज्ञापन में भगवान राम को उंगली पकड़ाकर चलाने वाले आप कौन हैं, क्या आप भगवान से ऊपर हैं?
पवन खेड़ा ने कहा कि शंकराचार्यों को नाराज करके RSS के सरसंघचालक वहां जाकर बैठेंगे, प्रधानमंत्री मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा उनकी देखरेख में करेंगे। ये कतई धार्मिक आयोजन नहीं है, ये पूरी तरह राजनीतिक आयोजन है।