Alok Sharma Derogatory Remark: कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा की मराठी समुदाय पर की गई एक आपत्तिजनक टिप्पणी ने महाराष्ट्र में नया विवाद खड़ा कर दिया है। कुछ दिन पहले एक टीवी डिबेट में कांग्रेस प्रवक्ता ने मराठी मानुष को रेप करने वालों से जोड़ा, जिसके बाद महाराष्ट्र में हजारों लोग सोशल मीडिया में नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। बीजेपी ने आलोक शर्मा के बयान को लेकर राहुल गांधी से स्पष्टीकरण मांगा है, जबकि शिवसेना नेताओं ने बयान को लेकर पुलिस से शिकायत की है।
मराठी माणसाला बलात्कारी म्हणणाऱ्या काँग्रेस पक्षाचे प्रवक्ते आलोक शर्मा यांचा आणि त्यावर मराठी माणसाचा अपमान होऊनही तोंड बंद ठेवणाऱ्या उबाठाचा जाहीर निषेध !#congressinsultsmarathimanus pic.twitter.com/jhEVJ8DGcP
— Shivsena - शिवसेना (@Shivsenaofc) August 23, 2024
कांग्रेस प्रवक्ता ने मराठियों को लेकर क्या बोला?
चैनल पर बहस के दौरान बदलापुर रेप केस को लेकर पूछे गए सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता शर्मा ने कहा- "अगर एक मराठी मानुष ने बदलापुर में रेप कर दिया है, तो क्या आपकी पार्टी उसे भी बचाएगी?" इस टिप्पणी ने महाराष्ट्र में गहरी असंतोष की लहर पैदा की है। शर्मा की टिप्पणी पर हजारों सोशल मीडिया पोस्ट और पोस्टर सामने आए हैं, जिनमें उनकी निंदा की जा रही है। बीजेपी और शिवसेना ने उनकी टिप्पणी की कड़ी आलोचना की है।
मराठी माणसाचा बलात्कारी असा उल्लेख करून काँग्रेस पक्षाचे प्रवक्ते आलोक शर्मा यांनी तमाम मराठी माणसांचा आणि महाराष्ट्राचा अपमान केला आहे. याच वक्तव्याचा निषेध नोंदवत शिवसेनेचे सोशल मीडिया राज्यप्रमुख आणि युवासेनेचे सरचिटणीस मा.श्री. राहुल कनाल यांनी मुंबई पोलिसांकडे केलेल्या… pic.twitter.com/PsTrE2tLTP
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आलोक शर्मा की बर्खास्तगी की मांग उठी
शिवसेना ने आलोक शर्मा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन पर मराठी समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाया है और उनकी बर्खास्तगी की मांग की गई। यह विवाद पार्टी लाइन से परे है। अधिकांश यूजर्स ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा करने वाला व्यक्ति किसी भी भाषा, धर्म या जाति का प्रतिनिधि नहीं होता, बल्कि केवल एक अपराधी होता है। शर्मा ने इस तरह के कृत्य को मराठी समुदाय से जोड़कर गंभीर अपराध किया है।
उद्धव और शरद पवार ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधी
दूसरी ओर, हमेशा मराठी गर्व और मराठी भाषियों का समर्थन करने वाले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर अब तक चुप्पी साध रखी है। शिवसेना (यूटीबी) प्रमुख की चुप्पी और कांग्रेस नेताओं की मौन स्वीकृति ने इस विवाद को और हवा दी है। यह बड़ा सवाल है कि एनसीपी (शरद गुट) के नेता शरद पवार और सुप्रिया सुले की ओर से भी आलोक शर्मा के बयान पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी जा रही है।